रायगढ़, 26 जुलाई 2025/sns/- ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा गठित राष्ट्रीय स्तर की निगरानी टीम ने रायगढ़ जिले के लैलूंगा ब्लॉक अंतर्गत मुकडेगा एवं हीरापुर ग्राम पंचायतों के निरीक्षण में पहुंची। यह दौरा 21 से 30 जुलाई 2025 तक चल रहे 10-दिवसीय मूल्यांकन अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जिले में ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावशील कार्यान्वयन का समग्र मूल्यांकन करना है। टीम में निगरानी एवं मूल्यांकन विशेषज्ञ श्री जगबीर सिंह एवं श्री राम सागर शामिल रहे निरीक्षण दल ने मुकडेगा एवं हीरापुर ग्राम पंचायत में प्रमुख ग्रामीण विकास योजनाओं का विस्तृत मूल्यांकन किया। जिसमें ग्रामीण विकास योजनाओं से संबंधित सभी रिकॉर्ड की सटीकता, पारदर्शिता और राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुपालन के लिए गहन समीक्षा की गई। त्रुटियों पर सुधार के लिए सुझाव दिए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण स्थलों का दौरा कर प्रगति, गुणवत्ता और मानकों के पालन की जानकारी ली गई। साथ ही समय-सीमा का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई। मनरेगा के तहत कार्यस्थलों का निरीक्षण कर श्रमिकों की भागीदारी, परियोजना निष्पादन और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया। जिसमें श्रमिकों की संतोषजनक भागीदारी के साथ अधोसंरचना संंबंधी कार्यों की लंबे समय तक मजबूती व गुणवत्ता संबंधी सुझाव दिए गए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित ग्रामीण सड़कों की स्थिति, निर्माण गुणवत्ता और रख-रखाव की जांच की गई एवं साइनेज और नियमित रख-रखाव के लिए सुझाव दिए गए।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूहों और आजीविका संवर्धन के प्रयासों के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने के लिए एनआरएलएम रिकॉर्ड की समीक्षा की गई। जिसमें समुदाय की सक्रिय भागीदारी देखी गई। इसी तरह ग्रामीण स्वच्छता, पेंशन योजनाओं और अन्य पहलों से संबंधित प्रश्नों का समाधान किया गया ताकि प्रभावी कार्यान्वयन और लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित हो। टीम ने पाया कि मुकडेगा एवं हीरापुर ग्राम पंचायतों में अधिकांश योजनाएं निर्धारित दिशा में प्रगति कर रही हैं। रिकॉर्ड संधारण में पारदर्शिता और सटीकता देखी गई और कुछ विषयों पर सुधार हेतु जोर दिया। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनी सड़कों की गुणवत्ता पर संतोष जताया। टीम के सदस्यों ने कहा कि सुझाए गए सुधारात्मक कदमों को लागू कर योजनाओं की प्रभावशीलता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है, जिससे ग्रामीण समुदायों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं, रोजगार अवसर और जीवन स्तर में सुधार सुनिश्चित किया जा सकेगा।