छत्तीसगढ़

राजस्व अधिकारियों की बैठक में कृषक पंजीयन की स्थिति की समीक्षा की और दिए आवश्यक दिशा निर्देश 

दुर्ग, 14 जुलाई 2025/sns/- कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर कृषक पंजीयन (फार्मर रजिस्ट्री) की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सभी पात्र कृषकों का पंजीयन प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अभिजीत ने कहा कि कृषक पंजीयन, कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक सीधे पहुँच सकेगा। उन्होंने सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया कि किसान स्वयं, मोबाइल ऐप, कॉमन सर्विस सेंटर या पटवारी की मदद से शीघ्रता से पंजीयन कराएं। बैठक में यह जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष 1,14,000 किसानों ने पंजीयन कराया था, जबकि इस वर्ष अब तक केवल 63,435 किसानों ने ही पंजीयन कराया है। कलेक्टर ने लक्ष्य पूर्ण करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। कृषक पंजीयन में सभी कृषि भूमि का विवरण भू-अभिलेख के अनुसार सुनिश्चित किया जा सकेगा। मृतक भूस्वामी के स्थान पर वारिसान भूस्वामी का नाम दर्ज करने की सुविधा होगी। प्रत्येक भूखण्ड एक या एक से अधिक भूधारक के नाम दर्ज होगा। प्रत्येक भूस्वामी का आधार नंबर प्रविष्टि होगा। भूमि के खरीदी ब्रिकी, उत्तराधिकारी या बंटवारा के माध्यम से भू-अभिलेख दुरूस्त किए जाने पर स्वतः अद्यतन होगा।
बैठक में राजस्व संबंधी विभिन्न कार्यों की गहन समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री सिंह ने अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, नक्शा बटांकन, डायवर्सन, और राजस्व वसूली की स्थिति की जानकारी ली और इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तहसीलदार पाँच गाँवों का चयन कर वहाँ के भू-अभिलेखों की त्रुटियों की पहचान करें और उनका समयबद्ध सुधार करें। साथ ही डिजिटल हस्ताक्षर, आधार और मोबाइल नंबर की प्रविष्टि कार्यों को प्राथमिकता के साथ प्रतिदिन अपडेट करने के निर्देश दिए। धान खरीदी की तैयारी को लेकर भी कलेक्टर ने विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 87 धान खरीदी केंद्र संचालित हैं और नये केंद्रों के लिए गाँवों के समीप ही भूमि चिन्हित की जाए, जिससे खरीदी के समय किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके साथ ही जलभराव की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविरों की पहचान करने तथा वहाँ रहने, भोजन और अन्य व्यवस्थाओं को पहले से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने विवादित नामांतरण प्रकरणों को शीघ्र निपटाने के निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि एक पटवारी के पास दो से अधिक हल्के नहीं होने चाहिए। सीमांकन प्रतिवेदन की तिथि निर्धारित कर कार्य शीघ्र पूर्ण कराने और नक्शा बटांकन कार्यों के लिए टीम बनाकर तत्परता से कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने गिरदावरी सर्वेयर और राजस्व निरीक्षकों का प्रशिक्षण इसी माह आयोजित कराने के निर्देश भी दिए। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक योजना के तहत पात्र हितग्राहियों की सूची अद्यतन करने, अपात्र लोगों को लाभ न मिले इस पर विशेष ध्यान देने, और भू-आबंटन प्रकरणों की जानकारी एकत्र कर चिन्हांकित स्थलों का निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा गया। नजूल पट्टा नवीनीकरण, नजूल राजस्व बकाया की वसूली और लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण पर जोर दिया गया। भू-अर्जन से जुड़े प्रकरणों में फौती नामांतरण अनिवार्य रूप से करने, अभिलेखों को अद्यतन रखने तथा किसी भी मामले में विलंब या पेंडेंसी न होने की सख्त हिदायत दी गई। कोर्ट केसों को गंभीरता से लेने और आदेश-पत्रों की समुचित समीक्षा कर समय पर कार्रवाई करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए।
कलेक्टर ने कहा कि राजस्व से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित नही होने चाहिए। उन्होंने राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों तथा तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों से उनके न्यायालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों एवं मुआवजा भुगतान, भारतमाला परियोजना, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण करने निर्देश दिए, जिससे प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान करने में किसी भी प्रकार का विलंब न हो। बैठक में एडीएम श्री विरेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्री हरवंश मिरी व श्रीमती लता उर्वशा, एसडीएम श्री लवकेश धु्रव, श्री सोनल डेविड, श्री महेश राजपूत, डिप्टी कलेक्टर श्री उत्तम ध्रुव एवं श्रीमती सिल्ली थॉमस सहित सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार, एएसएलआर उपस्थित थे।

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