बच्चों के भविष्य की चिंता हुई कम – श्रीमती लक्ष्मी यादवसुकमा दिसम्बर 2024/sns/ मेरा सपना रहा कि अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर रहूं। इन सपनों में धुंधलापन आ गया था। वर्तमान में मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। मेरे परिवार में मेरे पति और दो बच्चे हैं। मेरे पति और मैं मजदूरी कर अपनी और बच्चों की आवश्यकताओं को पूरी करते हैं। अभी एक बच्चा स्कूल जाने लगा है और दूसरा आंगनबाड़ी में जाता है। महतारी वंदन योजना की हितग्राही सुकमा निवासी श्रीमती लक्ष्मी यादव उम्र 31 वर्ष बताती हैं कि हम दैनिक मजदूरी करते हैं जिससे आय का कोई निश्चित साधन नहीं है। कई बार बच्चों को अपनी जरूरतों से समझौता करना पड़ता था। ऐसे में कई बार हम दूसरों पर आर्थिक सहायता के लिए ज्यादा आश्रित रहते थे। घर के पास में ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दीदी रहती हैं। उन्होंने हमें सरकार की महतारी वंदन योजना के बारे में बताया। इस योजना का लाभ लेकर सकते हैं।
इस योजना के बारे में जानकारी मिली तो अपने पति से इस योजना के सम्बन्ध में बात की। फिर हमने बिना देरी किए आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया। आवेदन करने के कुछ दिन बाद डीबीटी के माध्यम से मेरे बैंक खाते में एक हजार रूपए की राशि जमा हो गई। यह मेरे लिए आश्चर्यजनक था, परिवार की जरूरत पूरी करने की खुशी बढ़ गई क्योंकि सरकार की यह सहायता राशि हमारे लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। हम महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह मिल रही है। अब मुझे अपने बच्चों के भविष्य बनाने के लिए एक रास्ता मिल गया है। योजना से प्राप्त राशि के कुछ हिस्से को आवश्यक चीजों पर खर्च करती हूं और शेष राशि को अपने बच्चों के भविष्य के लिए जमा करती हूं। यह सब सिर्फ विष्णुदेव साय सरकार के महिला सशक्तिकरण योजना से सम्भव हो पाया है। महिलाओं के संबल के लिए चलाए जा रहे इस संवेदनशील पहल लिए मैं सरकार को बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ।