छत्तीसगढ़

राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर बिना अनुमति के नारे आदि लिखने पर होगी कार्रवाई

गौरेला पेंड्रा मरवाही, 22 मार्च 2024/लोकसभा निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिये शासकीय-अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्बों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियाँ लगाये जाने के कारण शासकीय-अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा तो यह दंडनीय होगा और छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में निहित प्रावधानों के तहत एक हजार रुपए तक जुर्मान हो सकेगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।

           कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती लीना कमलेश मंडावी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया गया है कि निर्वाचन प्रचार के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दिवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खम्बों पर झण्डियों लगाई जाती है, अथवा ऐसे पोस्टर एवं बैनर लगाकर शासकीय सम्पत्ति को विकृत किया जाता है, तो ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा निर्वाचन नारे मिटाने के लिए जिले के प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से गठित किया जाता है। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के कर्मचारी पर्याप्त संख्या में पदस्थ रहेंगें। इस लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता टी.आई., थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में काम करेंगें। इस दस्ते को सहयोग देने के लिए स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित थानेदार, एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस) मुख्यालय एवं स्थानीय निकाय के एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जावे। इस दस्ते को एक वाहन उपलब्ध कराया जावे, जिस पर लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता का बैनर लगा होना चाहिये। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे गेरू, चूना, कूची, बॉस, सीढ़ी आदि उपलब्ध करायी जाये। यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक टी.आई., थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमण करते हुए लोक सम्पत्ति को विरूपित होने से रोकेगा।

आदेश में कहा गया है कि यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा, किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद, लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर, विधिवत जॉच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगें। थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को, एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगें, तथा शिकायत की जाँच करेंगें। शिकायत की जाँच करते समय विरूपित सम्पत्ति की फोटोग्राफी, विडियोग्राफी करवायेंगे एवं तथ्य सही पाये जाने पर लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे। थाना प्रभारी की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करेंगें। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया समापन तक सम्पूर्ण गौरेला पेण्ड्रा-मरवाही जिले में प्रभावशील रहेगा।

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