छत्तीसगढ़

नंद कुमार साय जी का भाजपा से इस्तीफा सिर्फ उनकी नहीं पूरे आदिवासी समाज की पीड़ा को उजागर करता है !- रुचिर गर्ग

( छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के मीडिया सलाहकार श्री रुचिर गर्ग जी के fb पोस्ट से)

नंद कुमार साय जी का भाजपा से इस्तीफा सिर्फ उनकी नहीं पूरे आदिवासी समाज की पीड़ा को उजागर करता है !

केवल उच्च वर्ग केंद्रित राजनीति करने वाली पार्टी
इसे महसूस भी नहीं कर सकती !

भाजपा के वरिष्ठ नेता साय जी की यह पीड़ा आज की नहीं है।

बतौर रिपोर्टर उनसे बात करना हमेशा एक हेडलाइन मिलना होता था।

उनके बयानों में घोषित अघोषित रूप से उपेक्षा की पीड़ा झलकती ही थी, लेकिन बात करते हुए उन्होंने पार्टी अनुशासन की सीमा कभी लांघी नहीं।

पर यह समझ आता था कि एक आदिवासी नेता हर कदम पर अपनी उपेक्षा को महसूस करते चल रहे थे।

इन्हीं नंदकुमार साय को भाजपा के उच्च वर्ग के प्रतिनिधि और ताकतवर नेताओं ने उपहास में नंद कुमार साय , लखीराम ( स्व. लखीराम अग्रवाल ) की गाय कहा था।

इस आदिवासी नेता ने उस उपहास को पी लिया था।

हकीकत यह है कि आदिवासी समाज की उपेक्षा कुलीन संस्कारों की शिकार भाजपा के डीएनए में है।

आज नंद कुमार साय ने भाजपा से बगावत की है।

उनकी ये बगावत आदिवासी अस्मिता की ही आवाज है।

ध्यान रहे! भाजपा में अकेले साय जी ऐसी पीड़ा नहीं झेल रहे हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *