अम्बिकापुर, 17 अक्टूबर 2025/sns/- ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) एवं पशुधन विकास विभाग के संयुक्त प्रयास से जनपद पंचायत अम्बिकापुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकालो में साप्ताहिक बकरी मंडी का शुभारंभ किया गया है। इस दौरान सकालो सरपंच सुरेश सिंह, उप सरपंच भोलाचंद टेकाम, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल, पशुधन विकास विभाग उप संचालक डॉ आर पी शुक्ला, पशुधन विकास विभाग अतिरिक्त उप संचालक डॉ सी.के. मिश्रा, जनपद सीईओ श्री राजेश सेंगर सहित बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थे।
सकालो बाजार के पास संचालित इस मंडी का संचालन मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है। इससे ग्रामीण पशुपालकों के लिए व्यापार का नया मंच प्राप्त होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर बकरी पालन से जुड़ी महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनेगा। अब ग्रामीण महिलाएं अपनी बकरियां सीधे मंडी में बेच सकती हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होगा, और बिचौलियों पर निर्भरता समाप्त होगी।
महिलाओं को मिलेगा लाभ, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता
ग्राम पंचायत सकालो की बकरी पालक श्रीमती मानमति मरावी ने बताया कि पहले व्यापारी बकरियाँ मनमाने दामों पर खरीद लेते थे, जिससे हमें सही लाभ नहीं मिल पाता था। अब मंडी खुलने से अपने ही पंचायत में बकरियों का अच्छा दाम मिल रहा है। इससे आमदनी बढ़ेगी और बकरी पालन में रुचि भी बढ़ी है। वहीं बकरी खरीदने आई कल्पना सिंह ने कहा कि अब हमें 15 किलोमीटर दूर बाजार नहीं जाना पड़ेगा। सकालो पंचायत में ही साप्ताहिक बकरी मंडी लगने से उचित दर पर बकरियां मिल जाती हैं। शासन और जिला प्रशासन की यह पहल ग्रामीण महिलाओं की आजीविका के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो रही है।
स्वयं सहायता समूहों के लिए नया अवसर
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत संचालित बकरी मंडी से स्वयं सहायता समूह (SHG) की दीदियों को रोजगार का नया अवसर मिलेगा। इस मंडी का संचालन मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। समूह की सदस्य महिलाएं न केवल मंडी के संचालन और व्यवस्था का कार्य देख रही हैं, बल्कि बकरी पालन से संबंधित अन्य गतिविधियों जैसे पशु आहार वितरण, स्वास्थ्य जांच, और खरीद-बिक्री के आँकड़ों के संकलन में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा
सकालो में साप्ताहिक बकरी मंडी खुलने से स्थानीय स्तर पर पशुधन व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और अब ग्रामीणों को शहरों या दूरस्थ बाजारों तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह मंडी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।


