छत्तीसगढ़

समस्या समाधान और व्यावहारिक ज्ञान के लिए प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग ज़रूरी रू डीईओ श्री मंडावी

सुकमा, 29 सितंबर 2025/sns/- जिला प्रशासन एवं शिक्षाग्रह के संयुक्त तत्वावधान में “सीखेगा बचपन-शिक्षाग्रह (एफएलएन)” परियोजना अंतर्गत जिले के प्राथमिक शिक्षकों हेतु दो दिवसीय कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.आर. मंडावी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में रचनात्मकता, समस्या-समाधान और व्यावहारिक ज्ञान विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग अनिवार्य है। उन्होंने थ्स्छ को शिक्षा की बुनियाद बताते हुए कहा कि बच्चों में अक्षरज्ञान के साथ तार्किक सोच और निर्णय क्षमता भी विकसित करनी होगी।
कार्यशाला में सुकमा, कोंटा और छिंदगढ़ विकासखंडों के लगभग 750 प्राथमिक शिक्षकों ने भाग लिया। इसमें “सीखेगा बचपन मूल्यांकन” के आंकड़ों की समीक्षा की गई और निपुण भारत मिशन 2026-27 के लक्ष्यों के अनुरूप प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग एवं फिल्म लर्निंग मॉड्यूल की जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दौरान जिला मिशन समन्वयक श्री उमा शंकर तिवारी, सह-परियोजना समन्वयक, बीईओ एवं बीआरसी अधिकारियों ने शिक्षकों से संवाद कर इस प्रशिक्षण को कक्षाओं में लागू करने की अपील की, ताकि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सके।

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