छत्तीसगढ़

सावन के पवित्र माह में भगवान शिव देवों के देव महादेव में पद यात्रियों द्वारा जल अभिषेक की परम्परा सदियों चली आ रही

कवर्धा, 28 जुलाई 2025/sns/-   से 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम चौरा में 11 वी शताब्दी का प्राचीन, ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व का स्थल बाबा भोरमदेव का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव जी विराजित है। भगवान शिव देवों के देव महादेव में जल अभिषेक की परम्परा सदियों चली आ रही है। हर वर्ष श्रावण माह में कांवरियों द्वारा पदयात्रा कर शिव मंदिरों में जल चढ़ाया जाता है, जिसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। सावन के इस पवित्र माह में कबीरधाम, पड़ोसी जिला मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव सहित मध्यप्रदेश के अमरकंटक से कावड़िया पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक, धार्मिक एवं पर्यटन महत्व स्थल कबीरधाम जिले बाबा भोरमदेव मंदिर, बूढ़ा महादेव मंदिर और डोंगरिया के प्राचीन जालेश्वर शिवलिंग में जलाभिषेक करने हजारो की संख्या में आते है। श्रावण मास में शिवभक्त मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन कांवरिया दल सहित श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग का विधिवत पूजा अर्चना व जलाभिषेक किया जा रहा है। सावन माह लगते ही कांवरियों का दल मध्यप्रदेश के अमरकंटक से पहाड़ी और पथरिली जंगलों की रास्तों से पदयात्रा कर बाबा भोरमेदव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बुढ़ामहादेव में जलाभिषेक कर रहे है।
जिले में अमरकंटक से पहाड़ी और पथरिली जंगलों की रास्तों से कबीरधाम जिले में प्रवेश करने वाले सभी कावड़ियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शिवभक्तों द्वारा कांवर में मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर पदयात्रा करते हुए जलाभिषेक कर रहे हैं। अब तक सैकड़ों कांवरियों का दल शहर व ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचकर जलेश्वर महादेव डोंगरिया, पंचमुखी बुढ़ामहादेव तथा भोरमदेव में जलाभिषेक कर चुके है। बोल-बम डोंगरिया स्थित जलेश्वर दादा, छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक पुरातात्विक और जन आस्था के केन्द्र बाबा भोरमदेव और पंचमुखी श्री बूढ़ामहादेव की महिमा करने वाले तीर्थयात्राओं और मानसून माह श्रावण को संदर्भित करता है। कांवरिया मध्यप्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा से जल लेकर दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से अपने कांवर के साथ खाली पैर और भगवा वस्त्र पहनकर विभिन्न दुर्गम मार्गों से 150 किमी की यात्रा करते हुए डोंगरिया स्थित जलेश्वर महादेव, भोरमदेव बाबा और कवर्धा के पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में भगवान शिव पर जल चढ़ाते है। यात्रा में तीर्थयात्री लगातार “बोल बम“ का नारा लगाते है और उनके नाम की स्तुति करने के लिए भजन गाते हैं।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के पहल पर भोरमदेव से अमरकंटक तक कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम

पवित्र सावन माह में शिवभक्तों द्वारा अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक की 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा जलाभिषेक किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के पहल पर इस यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि यात्रा में भक्तगणों को दिक्कत न हो।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के निर्देशानुसार, कांवड़ियों के लिए अनेक स्थानों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस पेट्रोलिंग के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें पुलिस पेट्रोलिंग टीमें और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की ड्यूटी शामिल है। कांवड़ियों के लिए यात्रा के दौरान ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है। अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में निःशुल्क भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था है। भोजन में दाल-भात, सब्जी, मीठा जैसे खीर, पुड़ी और हलवा शामिल हैं। इस व्यवस्था की निगरानी में बोलबम समन्वय समिति और स्थानीय अधिकारी जुटे हुए हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश पर कांवड़ियों के लिए विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पदयात्रा के दौरान शांति और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पेट्रोलिंग पार्टियों का गठन किया है। कवर्धा से बेमेतरा हाईवे रोड, कवर्धा से भोरमदेव, बोड़ला-पोड़ी-पंडातराई- पंडरिया और पंडरिया से कुकदूर सरहदी क्षेत्र तक पेट्रोलिंग पार्टियों को तैनात किया गया है। सावन माह के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा की पहल और निर्देशों के तहत कांवड़ियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ठहरने की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, जिससे वे बिना किसी कठिनाई के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

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