छत्तीसगढ़

जिला पंचायत सीईओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग एवं एन आर एल एम की संयुक्त बैठक ली


राजनांदगांव, 19 जुलाई 2025/sns/- मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं एनआरएलएम की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग एक दूसरे के पूरक है। दोनों विभाग के आपसी समन्वय से कार्ययोजना बनाकर कुपोषण को दूर किया जा सकता है। कुपोषण को दूर करने के लिए प्रमुख रूप से गर्भवती महिलाओं के चार एएनसी चेकअप एवं पोषण परामर्श विशेष रूप से ध्यान देने कहा। उन्होंने पालक चौपाल में गर्भवती माताओं को बुलाकर एनीमिया से बचाव, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने वाले पोषक पदार्थों का सेवन करने, गर्भवती महिलाओं के प्रतिमाह वजन बढ़ोत्तरी का पर्यवेक्षण करने, साथ ही खतरे के लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर प्रतिमाह उन्हें जांच कराने के लिए सीएचसी अथवा पीएचसी ले जाने एवं वीएचएसएनडी, पालक चौपाल में उन्हें पोषण परामर्श देने के निर्देश दिए। साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी जागरूक करने हेतु कहा। जिला पंचायत सीईओ ने 5 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार की विस्तृत समीक्षा की। जिला पंचायत सीईओ ने विशेष क्षेत्र के बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार के लिए उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कुपोषण को पूर्णत: समाप्त करने के लिए कार्ययोजना साझा करने कहा। उन्होंने विभागीय अन्य योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, नोनी सुरक्षा योजना से पात्र हितग्राहियों को शत-प्रतिशत लाभान्वित करने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने शिशु एवं मातृत्व इंडीकेटर को लक्षित करते हेतु गर्भवती महिलाओं का पंजीयन गुणवत्तायुक्त 4 एएनसी चेकअप, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, एनआरसी, पालक चौपाल, पोर्ट लाईका कार्यक्रम, आयरन टैबलेट वितरण, कम वजन के पैदा हुए बच्चों के इंडीकेटर के संबंध में जानकारी ली तथा इसकी डाटा एण्ट्री का कार्य शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए। उन्होंने छुरिया एवं डोंगरगांव विकासखण्ड में एएनसी सर्विस को सुदृढ़ करने निर्देशित किया। पोषण ट्रेकर की सम्पूर्ण एण्ट्री करने कहा। पोषण पुर्नवास केन्द्रों को बेड रेट और ईलाज दर बढ़ाने तथा गंभीर कुपोषित एवं माध्यम कुपोषित बच्चों का फलोअप के निर्देश दिए। सभी आईसीडीएस सुपरवाईजर को माह में कम से कम 1 बच्चा पोषण पुर्नवास में भेजने कहा। उन्होंने आयरन, कैल्शियम तथा कृमिनाश दवा (ऐल्बेडाजॉल) सभी गर्भवती माताओं को शत-प्रतिशत उपलब्ध सुनिश्चित कराने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जननी सुरक्षा योजना एवं पोषण पुर्नवास केन्द्र का लाभ लेने हेतु मैदानी स्तर पर हितग्राहियों को जागरूक करने हेतु प्रेरित करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग व एनआरएलएम के समन्वित प्रयास से मैदानी स्तर पर गर्भवती महिला एवं कुपोषित बच्चों को लाभ पहुंचाने व उनके पोषण स्तर एवं स्वास्थ्य स्तर को बेहतर करने हेतु हरसंभव प्रयास करने हेतु विभागों को प्रेरित करें। बैठक में कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न सहित महिला एवं बाल विकास विभाग से परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक तथा स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, बीईटीओ, मितानिन समन्वयक उपस्थित थे।

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