रायगढ़, 16 जुलाई 2025/sns/- रायगढ़ जिले में 69 सहकारी समितियों के माध्यम से यूरिया, डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश एवं एनपीके काम्प्लेक्स फर्टिलाइजर का भण्डारण व वितरण किया जा रहा है। अब तक समितियों में कुल 22040 मेट्रिक टन खाद का भंडारण किया जा चुका है, जिसमें से किसानों को 17 हजार 779 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण हो चुका है। वर्तमान में जिले में सहकारी समितियों में 4632 मेट्रिक टन एवं संग्रहण केन्द्रों में 853 मेट्रिक टन कुल 5485 मेट्रिक टन खाद उपलब्ध है। उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने बताया कि इस वर्ष वैश्विक परिस्थिति के चलते डीएपी खाद के आयात की कमी को देखते हुए वैकल्पिक खाद की व्यवस्था की गई है। चूंकि डीएपी उर्वरक से पौधों को नाइट्रोजन एवं फास्फोरस तत्व प्राप्त होते है जो की अन्य उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, एनपीके-20:20:0:13, 12:32:16 एवं अन्य काम्प्लेक्स उर्वरक से भी प्राप्त होता है इसलिए वैकल्पिक उर्वरक के लक्ष्य में वृद्धि की गई है। वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट का लक्ष्य 2700 मेट्रिक टन से बढ़ा कर 5418 मेट्रिक टन एवं एनपीके काम्प्लेक्स उर्वरकों के लक्ष्य को 2750 से बढ़ा कर 9891 मेट्रिक टन किया गया है एवं परिवर्तित लक्ष्य एवं मांग अनुसार उर्वरक भण्डारण सतत जारी है ।
नैनो डीएपी, एनपीके और एसएसपी है डीएपी का प्रभावी विकल्प
जिले में सहकारी एवं निजी विक्रय संस्थानों में उर्वरक शासन द्वारा निर्धारित दर पर उपलब्ध है। डीएपी के स्थान पर उसके प्रभावी विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट, एनपीके उर्वरक का उपयोग कर फसल को नाइट्रोजन एवं फास्फोरस से पोषित कर सकते हैं। जिले में नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का भी भण्डारण कराया जा रहा है जिससे लागत में कमी करते हुए अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है ।