सुकमा, 01 जुलाई 2025/sns/- सुकमा जिले में आदिवासी जनजीवन को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की शुरुआत गई है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदायों और दूरस्थ क्षेत्रों तक शासन की मूलभूत योजनाओं और सेवाओं को सीधे पहुंचाना है।
अभियान के तहत सुकमा, छिंदगढ़ और कोंटा विकासखंड के गांवों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां 17 विभागों की लगभग 25 योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। सोमवार को गादीरास पंचायत में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया जिसमे आसपास के 12 पंचायतों के ग्रामीण उपस्थित हुए। इनमें जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य परीक्षण और शिक्षा संबंधी सहायता प्रमुख रूप से शामिल हैं।
हितग्राहियों में उत्साह और विश्वास की लहर
धरती आबा अभियान के क्रियान्वयन से कई आदिवासी परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है, जिससे समुदाय में आशा और विश्वास का संचार हुआ है। शिविरों में लोगों की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रशासन के प्रयासों को बल दे रही है।
कलेक्टर कर रहे निगरानी
कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव स्वयं शिविरों की सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अधिकारियों से प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुसार समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के पहुँचे। धरती आबा अभियान इसी सोच का सशक्त माध्यम है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार के निर्देश और राज्य शासन के मार्गदर्शन में यह अभियान सामाजिक समावेशन और विकास को साकार कर रहा है।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमति गीता कवासी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि धरती आबा अभियान न सिर्फ शासकीय योजनाओं को जमीन तक पहुंचा रहा है, बल्कि विश्वास, विकास और सहयोग की भावना को भी सुदृढ़ कर रहा है। यह पहल जिले को जनसरोकारों की दिशा में एक नई पहचान दे रही है। उनके साथ गादीरास सरपंच श्री इंगा ओयामी, बोड़को सरपंच श्री मुचाकी मल्ला भी उपस्थित थे।
