छत्तीसगढ़

शाला प्रवेशोत्सव में खिल उठे पहाड़ी कोरवा नौनिहालों के चेहरे कलेक्टर ने नौनिहालों के बीच बैठकर साथ में किया भोजन

अम्बिकापुर, 26 जून 2025/sns/-  जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड के घंघरी में स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित पहाड़ी कोरवा आदिवासी आवासीय विद्यालय में आज शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया। यह आयोजन विशेष पिछड़ी जनजाति-पहाड़ी कोरवा समुदाय के नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत तिलक लगाकर एवं मिठाई खिलाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री विलास भोसकर स्वयं विद्यालय पहुंचे और उन्होंने बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित किया और शाला जीवन के प्रवेश उत्सव पर उन्हें अच्चे से पढ़ाई करने की शुभकामनाएं दीं।

नवीन विद्यालय भवन का लोकार्पण बच्चों के हाथों
कलेक्टर श्री भोसकर ने प्राथमिक स्तर के नवीन भवन का उद्घाटन अत्यंत भावनात्मक और प्रेरक शैली में बच्चों के हाथों फीता कटवाकर कराया। उन्होंने कहा कि यह भवन इन्हीं बच्चों का है, और उनके हाथों से लोकार्पण कर उन्हें स्वामित्व और आत्मगौरव का अनुभव कराया जाए।

शिक्षा सामग्री, ड्रेस और किताबें वितरित
शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर कलेक्टर द्वारा नवप्रवेशी बच्चों को स्कूल ड्रेस, पाठ्यपुस्तकें, कॉपियां, पेंसिल,  जैसी जरूरी शैक्षणिक सामग्री वितरित किए गए। इस पहल से पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह की झलक देखने को मिली।

नौनिहालों ने सरगुजिहा गीत से कलेक्टर का किया स्वागत
विद्यालय परिसर में बच्चों द्वारा सरगुजिहा लोकभाषा में स्वागत गीत प्रस्तुत कर कलेक्टर का अभिनंदन किया। बच्चों की प्रस्तुति ने पूरे माहौल को लोक-संस्कृति के रंगों में रंग दिया।

“एक पेड़ मां के नाम 2.0“ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण
शाला परिसर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण भी किया गया। कलेक्टर, अधिकारीगण, शिक्षकों ने मिलकर विविध पौधों रोपण किया, जिसमें फलदार और छायादार वृक्ष शामिल थे। यह पहल बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जाग्रत करने की दिशा में सराहनीय रही।

कलेक्टर ने बच्चों के साथ किया भोजन
कलेक्टर श्री भोसकर ने विद्यालय के बच्चों के साथ  बैठकर मध्यान्ह भोजन ग्रहण किया। भोजन के दौरान उन्होंने बच्चों से संवाद कर उनके अनुभव सुने, और उन्हें नियमित रूप से स्कूल जाने, खेलने और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

शिक्षा ही है सबसे बड़ी शक्ति – कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा कि पहाड़ी कोरवा जैसे विशेष पिछड़ी जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम शिक्षा है। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे बच्चों को ऐसा वातावरण दें, जिसमें वे आत्मविश्वास के साथ सीख सकें, और समाज में सकारात्मक भूमिका निभा सकें।
कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त श्री ललित शुक्ला, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अशोक कुमार सिन्हा, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री गोपाल कृष्णा दुबे, जनपद पंचायत सीईओ श्री राजेश सेंगर, एपीओ श्री रविशंकर पांडेय, विद्यालय के शिक्षक सहित अन्य  उपस्थित रहे।

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