अम्बिकापुर, 19 मई 2025/sns/- छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहू का सरगुजा दौरा एक ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आया है। उनका यह दौरा न केवल योजनाओं की समीक्षा तक सीमित रहा, बल्कि किसानों और युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का स्पष्ट रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया।
तेलघानी उद्योग युवाओं और किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की उपजाऊ भूमि और मेहनती किसान प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत हैं। अब ज़रूरत है कि कृषि को नवाचार, आधुनिकता और बाजार से जोड़ा जाए, जिससे किसान केवल उत्पादक नहीं, एक सफल उद्यमी बन सके।
उन्होंने कहा कि तेलघानी विकास बोर्ड इसी सोच के साथ योजनाएं बना रहा है, ताकि प्रदेश के किसान और युवा स्वावलंबी और रोजगारदाता बन सकें। श्री साहू ने कहा, हम युवा को केवल नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाना चाहते हैं
तेलघानी यूनिट से गांव में ही मिलेगा रोजगार
सरगुजा दौरे के दौरान श्री साहू ने किसानों से सीधा संवाद किया और ऑर्गेनिक खेती व तिलहन उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि तेल पेराई, प्रसंस्करण और विपणन के आधुनिक उपकरणों को अपनाकर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला जाए।
उन्होंने क्षेत्र में स्थापित तेलघानी मशीनों का निरीक्षण भी किया और कहा कि बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर गांवों में तेलघानी यूनिट स्थापित की जाएंगी, जिससे वे स्थायी रूप से अपने गांव में ही रोजगार पा सकें।
सिर्फ प्रशिक्षण नहीं, मिलेगा आत्मविश्वास और संसाधन
श्री साहू ने कहा कि युवाओं को सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि उन्हें संसाधन और आत्मविश्वास भी दिया जाएगा, ताकि वे अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर तैयार कर सकें।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का धरातल पर क्रियान्वयन
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच के अनुरूप तेलघानी विकास बोर्ड की योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक नई जीवनरेखा सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह पहल उन्नत छत्तीसगढ़ की दिशा में एक मजबूत कदम है, जहां किसान जागरूक होगा, युवा आत्मनिर्भर बनेगा और गांव समृद्ध होंगे।
श्री साहू जी ने सभी जनप्रतिनिधियों, किसानों, युवाओं और स्थानीय नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़ें और इसे जनआंदोलन बनाएं।
तेलघानी उद्योग के पुनरुद्धार की यह पहल छत्तीसगढ़ को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है