छत्तीसगढ़

गोंडी में सीख रहे जीने की कला

सुकमा उप जेल में आर्ट ऑफ लिविंग

सुकमा, 22 नवंबर 2024/sns/ सुकमा उप जेल में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था और जेल प्रशासन  के सहयोग से बंदियों के जीवन स्तर और व्यक्तित्व विकास हेतु श्री श्री रविशंकर जी द्वारा निर्मित आठ दिवसीय प्रिजन स्मार्ट कोर्स दिनांक 15 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक सिखाया गयाद्य , जिसमें योग , प्राणायाम , ध्यान और सुदर्शन क्रिया के द्वारा बंदियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का लाभ मिला, शिविर का संचालन पूर्व योग आयोग छत्तीसगढ़ के सदस्य तथा वरिष्ठ आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक श्री अजय सिंह बैस और श्री बलराम पूनेम के द्वारा किया गयाद्य उप जेल में यह अत्यंत महत्वपूर्ण शिविर बंदियों के सुविधा के लिए हिंदी और गोंडी भाषा में लिया गया जिसमें 80 बंदियों ने भाग लिया,और शिविरोपरांत अनेक बंदियों ने नकारात्मकता, अनिद्रा,  मानसिक तनाव से मुक्ति, क्रोध और हिंसा से मुक्ति, और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ की बात कही जेलर श्री राजेश बिसेन जी द्वारा शिविर के उपरान्त बंदियों में गुणात्मक परिवर्तन को स्वीकार करते हुए संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि योग के आध्यात्मिक अर्थ के अलावा गणितीय अर्थ जोड़ होता है और इस शिविर के माध्यम से हम सब बंदी और जेलर के रूप में नहीं बल्कि मानवीय रूप में सकारात्मक रूप से जुड़ रहे हैद्यप्रशिक्षक श्री अजय सिंह बैस ने बताया कि जेल में रहते हुए बंदी नकारात्मकता के शिकार होकर मानसिक घुटन को महसूस करते हैं और सजा के बाद या जेल से छूटने पर या तो आत्मग्लानि के शिकार हो जाते हैं या पुनः अपराध की और लौट जाते है यह शिविर उन्हें भूतकाल के पश्चाताप और भविष्य की चिंता से निकालकर समाज में सामान्य सकारात्मक जीने हेतु प्रेरित करता है, ज्ञात हो कि संस्था द्वारा संपूर्ण भारत में  बंदियों के जीवन मे सकारात्मक सुधार हेतु पूर्णतः निःशुल्क आयोजित किया जाता है, द्य शिविर के समापन के अवसर , जेलर श्री राजेश बिसेन जी, आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र सुकमा के आयोजक श्री मनोज देव की गरिमामयी सहयोग से संपन्न हुईद्य

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