छत्तीसगढ़

खुरपका-मुँहपका रोग नियंत्रण के लिए मिशन “मोड” पर पशु पालन विभाग

कवर्धा, 22 अगस्त 2024/sns/- कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण (एनएडीसीपी) अन्तर्गत पशुधन विकास विभाग द्वारा पशुओं में होने वाले खुरपका-मुँहपका रोग नियंत्रण एवं उन्मूलन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पशु पालन विभाग के उपसंचालक डॉ. एस.के. मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण के तहत सभी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, मैत्री, गौसेवक, पीएआईडब्लू को सम्मिलित करते हुए 37 दलों का गठन किया गया है। जिनके द्वारा जिले के 3 लाख 98 हजार 768 पशुओं का टीकाकरण किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही साथ पशुओं के सहज पहचान एवं पंजीयन के लिए 12 डिजिट का यूनिक ईयर टेग भी सभी पशुओं को टीकाकरण के साथ लगाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि खुरपका-मुँहपका जुगाली करने वाले तथा दो खुर वाले पशुओं में होने वाला विषाणु जनित अति संक्रामक रोग है। इस रोग का प्रसार एक पशु से दुसरे पशु में संपर्क तथा संक्रमित चारा पानी आदि के माध्यम से होता है। बीमारी के मुख्य लक्षण संक्रमित पशु को तेज बुखार के साथ मुंह और जीभ में तथा खुरों में छाले और फफोले हो जाते है, जिसकी वजह से पशु ठीक से चारा नहीं खा पाता और चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है। इस बीमारी में मृत्यु दर कम है, परन्तु संक्रमित पशुओं को स्वस्थ होने में लंबा समय लगता है, तथा पशु की कार्यक्षमता तथा प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, तथा पशु पालकों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है। जिसके कारण उपचार की अपेक्षा इस रोग से बचाव ही बेहतर उपाय है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 15 अगस्त से जिले में थ्डक्.त्वनदक.प्ट कार्यक्रम अन्तर्गत टीकाकरण का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जो 30 सितम्बर 2024 मिशन मोड में निःशुल्क लगाया जाएगा। साथ ही उनके द्वारा सभी पशु पालकों से अपील की गई है कि अपने पशुओं को खुरपका-मुँहपका से बचाव के लिए टीका अवश्य लगवाएँ।

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