सुकमा, 26 जुलाई 2024/sns/- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में की गई अनुशंसा अनुरूप 2030 तक कलेक्टर श्री हरिस एस. के निर्देशन में जिले में शत-प्रतिशत असाक्षरों को साक्षर किया जाना है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की स्वीकृत किया गया है। जिसका उद्देश्य सभी पृष्ठभूमि के 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को सशक्त बनाना है जिन्हें उचित स्कूली शिक्षा नहीं मिल सकी और उन्हें समाज के साथ मुख्यधारा में लाया जाना है। ताकि वे अधिक योगदान देने में सक्षम हो सकें। जिला सुकमा को इस वर्ष 40 हजार असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य है तथा असाक्षरों को पढ़ाने का दायित्व गावों में निवासरत पढ़े-लिखे व्यक्ति जो स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कार्य करेंगे तथा स्वयंसेवी शिक्षक हेतु हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसके बदले में स्वयंसेवी शिक्षक को बोर्ड परीक्षा में बोनस अंक सहित प्रमाण पत्र, प्रशंसा सम्बन्धी अभिनंदन पत्र आदि के जरिए माध्यमों से प्रोत्साहित होंगे।
भारत सरकार द्वारा निर्मित उल्लास एप में असाक्षरों को पंजीयन किया जा रहा है, पंजीकृत असाक्षर को सामाजिक चेतना केन्द्र जहां स्कूलों, सामाजिक भवन एवं पंचायत भवन में पठन-पाठन का कार्य होगा। इसके लिए सभी स्कूलों के प्राचार्यों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन के द्वारा श्कलेक्टर की चिट्ठी विद्यार्थियों के नाम जारी कर सभी संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के बीच संदेश का वाचन करवाया जा रहा है तथा बच्चों द्वारा अपने-अपने गांव,मोहल्ला, पारे-टोले में असाक्षरों को अक्षर ज्ञान देने का वचन दे रहे हैं।