छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के सफल संचालन के संबंध में ली बैठक

  • स्वयंसेवी शिक्षकों एवं असाक्षरों के पंजीयन का सर्वे करने एवं पोर्टल में एंट्री के कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश
  • उल्लास कार्यक्रम के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने के लिए कहा
    राजनांदगांव 06 जुलाई 2024sns/- कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के सफल संचालन के संबंध में बैठक ली। कलेक्टर ने कार्यक्रम अंतर्गत स्वयंसेवी शिक्षकों एवं असाक्षरों के पंजीयन का सर्वे करने एवं पोर्टल में एंट्री के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षार्थी एवं स्वयंसेवी का चिन्हाकन तथा डाटा एंट्री की समीक्षा की। उल्लास कार्यक्रम के लिए उत्साहित करने विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने तथा उल्लास साक्षरता केंद्र का चिन्हांकन कर आकर्षक बनाने कहा। उन्होंने सितंबर 2024 एवं मार्च 2025 में राष्ट्रीय आकलन परीक्षा की तैयारी की समीक्षा की।
    बैठक में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशन में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय एवं समग्र शिक्षा के समन्वय से उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को साक्षरता स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कार्य करने पर तथा 10 शिक्षार्थियों को साक्षर किए जाने पर 10 अंक बोनस प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता श्रीमती रश्मि सिंह, सहायक संचालक शिक्षा श्री आदित्य खरे, सहायक संचालक शिक्षा श्रीमती संगीता राव, ऐप्स समग्र शिक्षा श्री आदर्श वासनिक, समग्र शिक्षा श्री केपी विश्वकर्मा सहित सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, स्रोत समन्वयक, साक्षरता कार्यक्रम प्रभारी, संकुल समन्वयक उपस्थित थे।
    उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सभी के लिए शिक्षा हेतु प्रारंभ की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य महिला एवं पुरूषों को शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रदान करना है। कार्यक्रम अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को शत-प्रतिशत साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। साक्षरता केवल पढऩा, लिखना और अंक ज्ञान में आत्मनिर्भर होना ही नहीं है, बल्कि इससे भी बढ़कर कार्यात्मक सशक्तिकरण तथा आगे सीखते रहना है। साक्षरता एक व्यक्ति के लिए बेहतर आजीविका एवं अवसरों तक पहुंचाने, समुदाय के लिए, समाज की एकता, सबके स्वास्थ्य एवं शिक्षा हेतु जरूरी है। साक्षरता देश के लिए जनतंत्र की मजबूती एवं आर्थिक विकास के लिए जरूरी है।

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