स्थानीय आदिवासी युवा प्रथम पीढ़ी के उद्यमी बनकर जिले की विकास में देंगे अपनी सहभागिता
10 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
बीजापुर 10 जून 2024-sns/- जिला प्रशासन के अभिनव पहल से जिले के स्थानीय आदिवासी युवा अब नौकरी तलाशने के बजाय नौकरी देने वाले उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं।
कलेक्टर श्री अनुराग पाण्डेय के विशेष पहल से पहली बार स्थानीय आदिवासी युवाओं को सफल उद्यमी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 10 दिवसीय उक्त प्रशिक्षण में 06 दिवस आरसेटी बीजापुर एवं 04 दिवसीय प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर माइक्रो स्मॉल एण्ड मिडियम इंन्टर प्राइजेस हैदराबाद में सम्पन्न होगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाजार के अवसर की पहचान करना, व्यवसाय की योजना बनाना और उसके प्रबंध करना है, जिससे जिले के आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार के अवसर सृजन होंगे।
बीजापुर जिला विकास की ओर अग्रसर है स्थानीय युवाओं की सहभागिता से विकास में तेजी आएगी -कलेक्टर
कलेक्टर श्री अनुराग पाण्डेय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर उद्यमिता के बारे में प्रशिक्षुओं को विस्तृत जानकारी दी, एक सफल उद्यमी कैसे बने इस संबंध में मार्गदर्शन दिया। बीजापुर जिला विषम परिस्थितियों के बावजूद अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। एक सफल उद्यमी बनकर नौकरी तलाशने के बजाय दूसरों को नौकरी देने के लिए कैसे सक्षम हो सकते हैं इस विषय पर विस्तार से चर्चा किया।
जिले के छोटे-बड़े विभिन्न विकास कार्याें सड़क, भवन सहित अन्य अद्योसंरचना शासकीय कार्यों एवं कार्यालयों में सामग्री आपूर्ति हेतु अगर जिले के स्थानीय युवा सक्षम हो जाते हैं तो यहां की विकास की गति तीव्र होगी स्थानीय युवाओं में उद्यम कौशल का विकास होगा स्वरोजगार के क्षेत्र में युवा और भी सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे। विभिन्न निर्माण कार्यों में पेटी कांट्रेक्टर वाला अनुचित व्यवस्था बदलेगी और रोजगार के व्यापक अवसर का सृजन होगा।
उल्लेखनीय है कि शासकीय कार्यो में कुछ सफल निविदाकर्ता कार्यादेश प्राप्त कर अवैध और अनुचित तरीके से पेटी कांट्रेक्टर से कार्य करवाते हैं जिससे कार्य में गुणवत्ता की कमी होने के साथ ही समय-सीमा में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाता।
कलेक्टर ने इस दौरान विभिन्न तकनीकी विषयों पर भी चर्चा किया और जीएसटी, एमआरपी, आईएसआई मार्क, फर्म एवं सोसायटी में पंजीयन, लाइसेंस, आयकर रिटर्न जैसे विषयों के बारे में प्रशिक्षुओं को सरल भाषा में समझाया और प्रशिक्षुओं से संवाद स्थापित कर उनके सवालों का जवाब दिया कि किस तरह से भविष्य में कार्य कर सकते हैं। अभी शुरूआती चरण में केवल आदिवासी युवा जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष की है उन्हे लिया गया है फिर बाद में अन्य वर्गों के युवाओं के लिए भी प्रशिक्षण आयोजित करने की बात कही।
आरसेटी संस्था के निदेशक श्री गुप्तेश्वर राव ने जिला प्रशासन के इस अभिनव पहल के लिए कलेक्टर श्री पाण्डेय को शुभकामनाएं देते हुए प्रशिक्षुओं को सभी प्रकार की आवश्यकता सहयोग करने का आश्वासन दिया जिससे प्रशिक्षु युवा एक सफल उद्यमी बन सके।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री नारायण प्रसाद गवेल, उप संचालक पंचायत श्री गीत कुमार सिन्हा, सहायक संचालक कौशल विकास श्री गौरव पाण्डेय, सर्व आदिवासी समाज के सचिव श्री कमलेश पैकरा सहित अधिकारी-कर्मचारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।