-ऑनलाईन आवेदन भरने की अंतिम तिथि 17 मई 2024
दुर्ग 01 मई 2024/ प्रदेश के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए प्रयास आवासीय विद्यालय के कक्षा 9वीं सत्र (2024-25) में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्मासंअलंण्बहण्दपबण्पदध्च्त्ैडैध्ैजनकमदज.।कउपेेपवद.कमजंपस पर 23 अप्रैल से प्रारंभ हो गया हैं।
ऑनलाईन आवेदन भरने की अंतिम तिथि 17 मई 2024 निर्धारित किया गया है। 18 से 20 मई तक ऑनलाईन भरे गए आवेदन पत्र में त्रुटि सुधार किया जाएगा। प्रवेश हेतु प्राक्चयन परीक्षा 9 जून 2024 रविवार को आयोजित की जाएगी।
सहायक आयुक्त आदवासी विकास से प्राप्त जानकारी अनुसार विद्यालय में कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु दुर्ग जिले के विद्यार्थी एवं छत्तीसगढ़ के अंतर्गत अन्य जिले के इच्छुक विद्यार्थी प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन भर सकते हैं। दुर्ग जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति बालक वर्ग के लिए पाटन में तथा अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिला बिलासपुर एवं रायपुर में प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है।
उक्त विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल, इंजीनियरिंग, सीए, सीएस, सीएमए, क्लैट तथा एनडीए की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने हेतु सघन तैयारी कराई जाती है।
उक्त संबंध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्मासंअलंण्बहण्दपब.पदध्च्त्ैडैध्ैजनकमदज.।कउपेेपवद.कमजंपस से एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास/परियोजना प्रशासक कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
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लोकसभा निर्वाचन – 2024
लू के उचित प्रबंधन के संबंध में बैठक 2 मई को
दुर्ग 01 मई 2024/ लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 07 दुर्ग के लिए मतदान दिवस के दिन हीट वेव के संदर्भ में उचित प्रबंधन एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था के संबंध मंेे लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष मंे 2 मई 2024 को प्रातः 11 बजे आयोजित की गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता मंे आयोजित इस बैठक में सहायक रिटर्निंग अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, आयुक्त नगर पालिक निगम दुर्ग, भिलाई, रिसाली, भिलाई चरोदा, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सेक्टर अधिकारियों को व्यवस्थाओं की जानकारी सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए गये हैं।
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लोकसभा निर्वाचन 2024
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अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में मनरेगा श्रमिकों द्वारा चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान
-300 से अधिक संख्या में मतदाता जागरूकता के नारों के साथ निकाली रैली एवं शत्-प्रतिशत मतदान की ली शपथ
दुर्ग, 01 मई 2024/ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार जिले में लोकसभा आम चुनाव-2024 अंतर्गत चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला पंचायत सीईओ श्री अश्वनी देवांगन के मार्गदर्शन में आज 1 मई, अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत श्रमिकों द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर श्रमिकों को मतदान के प्रति जागरूक कर वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही गांव-गांव में जाकर ग्रामीणों को शपथ एवं रैली के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जनपद पंचायत पाटन में मनरेगा अन्तर्गत 104 ग्राम पंचायतों में 311 निर्माण कार्यों मंे 23,697 श्रमिक कार्यरत् हैं। वहीं जनपद पंचायत धमधा में 119 ग्राम पंचायतों में 376 निर्माण कार्यों में 22,629 श्रमिक कार्यरत हैं एवं जनपद पंचायत दुर्ग में 73 ग्राम पंचायतों में 281 निर्माण कार्यों में 17,472 श्रमिक कार्यरत हैं। इस प्रकार जिले में कुल 63,798 श्रमिक प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं। मतदान जन जागरूकता अभियान के तहत श्रमिकों को मतदान के लिए प्रोत्साहित कर अपने मताधिकार के प्रति जागरूक किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में ग्राम पंचायत छावनी जनपद पंचायत पाटन में लगभग 150 श्रमिकों को अजय सिंह राठौर, विजय राठौर, नयना ,ममता, योगिता, श्रेया, अर्नव, सरपंच चौती बाई यादव सचिव दिनेश साहू के विशेष सहयोग से गरम-गरम भोजन परोसा गया। जिसमें खीर, पुड़ी दो सब्जी चांवल का भोजन आहार देकर श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं दी गई एवं मतदान के लिए जन-जागरूकता अभियान एवं रैली तथा शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। रोजगार सहायक भूपेन्द्र मेट देवेश वर्मा, पूर्णिमा धीवर, अन्य मजदूर कामेश्वरी, पूर्णिमा, देव कुंवर, विप्लव, टेकराम, जानकी, हेमा, शशि, सुमन, इंद्राणी, दुर्गा, बिशेशर, जितेश, मनीराम, गंगाराम, देवकी, दुर्गा, साहिल, सुरेश, दुष्यंत, नंदनी आदि श्रमिक उपस्थित रहें। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा डालिमलता नाग, सरपंच दुलारी बाई यादव, पूर्व सरपंच रोशनी मिश्रा, सचिव प्रदीप कुमार चंद्राकर, रोजगार सहायक निशांत सोनबोईर, चंपालाल यादव, आशा साहू, सनूत कुर्रे, शिव कुमार साहू, केशव साहू, तिलेश्वरी साहू सहित 300 से अधिक मनरेगा मजदूर उपस्थित थे।
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युवोदय दुर्ग के दूत स्वयं सेवकों द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु चलाए जा रहे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम
-स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न ग्राम पंचायतों में बाल विवाह विषय पर चर्चा एवं नारा लेखन कार्य किया गया
दुर्ग, 01 मई 2024/ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले में बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियाँ समाप्त करने विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अजय शर्मा के दिशा निर्देशन तथा जिला समन्वयक शशांक शर्मा के नेतृत्व में युवोदय दुर्ग के दूत स्वयं सेवकों के द्वारा ब्लॉक धमधा के ग्राम धौराभाटा, ग्राम तरपोरी में बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया गया। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत तरकोरी में स्वयंसेवक निरंजन के द्वारा सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में पोस्टर चिपकने का कार्य किया गया। ग्राम बोरीगारका में स्वयंसेवकों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन दीदी एवं युवोदय वालंटियर से बाल विवाह से संबंधित चर्चा की गई एवं नारा लेखन का कार्य किया गया।
स्वयं सेवको के द्वारा बाल विवाह रोकथाम जागरुकता से संबंधित पोस्टर सार्वजनिक स्थानों मे चस्पा करके समुदाय के लोगों को बाल विवाह से होने वाले हानिकारक प्रभावों के विषय मे जानकारी दिया गया। बाल विवाह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है जो दुनिया भर में प्रतिवर्ष लाखों लड़कियों को प्रभावित करता है, जो उनके बचपन, शिक्षा और भविष्य के अवसरों को छीन लेता है। भारत में, कानूनी प्रावधानों के बावजूद, बाल विवाह एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है, खासकर ग्रामीण और समाज से वंचित समुदायों में। बाल विवाह को समाप्त करने में एक मुख्य चुनौती यह है कि इस अभिवादन के पीछे छिपी सामाजिक मान्यताएं और विश्वास हैं जो इसे प्रथा बनाती हैं। गरीबी, शिक्षा की कमी और लिंग असमानता भी इस समस्या को और अधिक बिगाड़ती हैं, जिससे लड़कियाँ अपने बचपन से ही शादी के लिए मजबूर होती हैं।
बाल विवाह के कारण लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और सम्पूर्ण कल्याण प्रभावित होता है। शीघ्र गर्भावस्था मातृत्व मृत्यु और मृत्यु के जोखिम को बढ़ाती है और यह लड़कियों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित कर देती है, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए अवसरों की सीमा को कम करता है। भारत में बाल विवाह अधिनियम 2006 (निषेध और उसकी रोकथाम) 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों की शादी को निषेधित करता है। इस कानून के बावजूद, प्रवर्तन एक चुनौती है, और कई मामले अर्जित नहीं होते हैं या समाधान के लिए अर्जित नहीं होते हैं।
बाल विवाह को खत्म करने के लिए सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसायटी आर्गेनाइजेशन्स और समुदायों की भागीदारी सहित कई पहलुओं का सम्मिलित दृष्टिकोण आवश्यक है। जागरूकता अभियान लड़कियों की शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण में उच्चस्तरीय परिवर्तन लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है और उनके सतत विकास के लिए एक बाधा है। यह महत्वपूर्ण है कि इस हानिकारक प्रथा की समाप्ति सुनिश्चित करने हेतु हम मिलकर काम करें। युवोदय दुर्ग के दूत स्वयं सेवकों के द्वारा आगामी दिनों मे भी बाल विवाह रोकथाम हेतु जिले के विभिन्न क्षेत्रों मे जागरूकता गतिविधियां की जायेंगी।
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