छत्तीसगढ़

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हितग्राहियों को वितरण किए गए प्रमाण पत्र अम्बिकापुर 29 फरवरी 2024/ भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय एमएसएमई विकास कार्यालय रायपुर के द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर गुरुवार को लाइवलीहुड कॉलेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वीडियो व प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की जानकारी दी गई। एकदिवसीय कार्यशाला में विश्वकर्मा योजना के लाभ के बारे में बताते हुए पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर हितग्राहियों को पंजीकृत कर लाभ लेने प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में श्री उमेश प्रसाद सहायक निदेशक एमएसएमई(सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग रायपुर) के द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की विस्तार से जानकारी प्रदान किया गया। जिसके अंतर्गत इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी 18 ट्रेडों में अधिक से अधिक हितग्राहियों को पंजीयन कराने प्रेरित किया गया। परंपरागत कारीगरों एवं शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा योजना के संबंध में आवेदन करने, प्रशिक्षण प्राप्त करने की प्रक्रिया एवं आधुनिक औजार, टूलकिट प्रदान करने व बैंक से बिना गारंटी ऋण प्राप्त करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक श्री आर एल एक्का ने विश्वकर्मा योजना से हितग्राहियों को होने वाले लाभ के बारे में बताया। साथ ही उपस्थित हितग्राहियों को अधिक से अधिक पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में  पोर्टल पर ऑन बोर्डिंग की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। एल डी एम दिपेंद्र यादव ने वित्तीय साक्षरता, बैंक फ्राड और लोन प्रक्रिया की जानकारी दी।
जागरूकता कार्यक्रम में योजना से लाभ लेने वाले लाभार्थी, जिले के पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े लगभग 200 लोग उपस्थित रहे। विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया ।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
राज्य शासन द्वारा योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें 18 पारंपरिक व्यवसाय करने वालों को प्राथमिकता दिया गया है। जिसमें कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले,लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले प्रमुख है। इससे शिल्पकार और कारीगरों को प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के जरिए पहचान मिलेगा। योजना के पहले चरण में 1 लाख तथा दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक की सहायता महज 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाएगा। साथ ही योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण (500 रुपये प्रतिदिन भत्ता), टूलकिट खरीदने के लिए 15000 रुपये का अनुदान, डिजिटल, लेनदेन के लिए इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट मिलेगा।
      इस योजना के तहत पात्रता में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत् पंजीयन तिथि पर न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो। लाभार्थियों द्वारा किसी क्रेडिट आधारित स्व-रोजगार, व्यवसाय विकास योजनाओं के तहत पूर्व के 05 वर्षों में राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी योजनान्तर्गत लाभ न लिया हो। (पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा, एमएमवायएसवाय व अन्य)। पंजीकरण और लाभ परिवार के एक ही सदस्य को प्राप्त होगा। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य योजना के लिए अपात्र है। पंजीयन हेतु आवेदन-सीएससी के माध्यम से, पीएम विश्वकर्मा योजना पोर्टल, मोबाइल एप पर, आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज में आधार, मोबाईल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड की आवश्यकता होगी। इसका पंजीयन पूर्णतः निःशुल्क है। इसका सत्यापन (3 चरणों में) ग्राम पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय द्वारा किया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रकाश सिंह राजपूत आयुक्त, नगर पालिक निगम, अम्बिकापुर, श्री उमेश प्रसाद सहायक निदेशक, एमएसएमई रायपुर, दिपेंद्र यादव अग्रणी जिला प्रबंधक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, गिरीश गुप्ता अम्बिकापुर, प्राचार्य, लाइवलीहुड कॉलेज, अम्बिकापुर एवं श्री रामलाल एक्का, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, अम्बिकापुर उपस्थित थे।

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