छत्तीसगढ़

ग्राम सभा का आयोजन

दुर्ग, अगस्त 2023/छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के वैधानिक प्रावधानों के तहत् ग्रामसभा का प्रत्येक तीन मास में कम से कम एक सम्मिलन आयोजित करने का प्रावधान है। निर्धारित तिथियों 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त एवं 02 अक्टुबर के अतिरिक्त प्रतिवर्ष माह जून एवं नवम्बर में सुविधाजनक तिथियों में प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा का आयोजन अनिवार्य रुप से किया जाना है। कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने ग्राम सभाओं के आयोजन के लिए सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं उनके आश्रित ग्रामों में ग्रामसभा का आयोजन करने के लिये एक समय सारिणी तैयार कर ली जाय एवं स्थानीय आवश्यकता अनुसार अधिकारियों व कर्मचारियों का विशेष जिम्मेदारी दी गई है। ग्राम सभा की पूर्व बैठक में पारित संकल्पों के क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन की जाए। पंचायत में विगत तिमाही के आय-व्यय की समीक्षा एवं अनुमोदन की जाए। पिछली छःमाही में विभिन्न योजनाओं से स्वीकृत कार्य के नाम, प्राप्त राशि, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की अद्यतन स्थति का वाचन किया जाय। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में ग्रामीण परिवारों द्वारा रोजगार की मांग तथा उपलब्ध कराये गये रोजगार की स्थिति की समीक्षा की जाय। ग्राम गौठान के प्रबंधन एवं संचालन के संबंध में चर्चा की जाए। सुराजी ग्राम योजना के तहत् नरवा, गरुवा, घुरुवा एवं बाड़ी से संबंधित कार्यों की प्रगति के संबंधमें चर्चा की जाए। सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण एवं हितग्राहियों का सत्यापन के संबंध कार्यवाही किया जाए। जरुरतमंद व्यक्तियों के लिये पंचायतों द्वारा बितरित खाद्यान्न एवं उसके लाभान्वितों के नामों का वाचन किया जाए। जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से संबंधित प्रकरणों के लंबित, निराकृत एवं वितरित प्रमाण पत्रों कीजानकारी दी जाए। मौसमी बीमारियों के निदान एवं निवारण पर चर्चा करना एवं उससे निवटने चिकित्सकीय सुविधाओं का अवलोकन करना एवं इस संबंध में जागरुकता फैलाने का कार्य किया जाए। ग्राम पंचायतों में अनिवार्य कर के आरोपण एवं वसूली के प्रगति की समीक्षा की जाए। ग्राम पंचायत विकास योजना वर्ष 2023-24 हेतु निर्मित कार्य योजना का वाचन कराते हुए अनुमोदन कराया जावे। राज्य की समस्त सडको पर मवेशियों (आवारा एवं पालतु) के कारण हो रहे दुर्घटनाओं में जान माल की क्षति को रोकने हेत उस ग्राम पंचायत क्षेत्र से गुजरने वाली समस्त सड़कों (विशेषतः राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग तथा जिला मार्गों) के संबंध में सभी संभव उपायों एवं प्रभावी व्यवस्था पर चर्चा करना आमजनों में जागरुकता बढ़ाना एवं अपने मवेशियों को सड़कों पर खुले नहीं छोड़ने का संकल्प पारित कराना है। इसके अलावा जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अन्य विषयवस्तु को ग्रामसभा के एजेंण्डा में सम्मिलित किया जावे। साथ ही ग्राम सभा के गतिविधियों को वाइब्रेंट ग्राम सभा पोर्टल एवं जीपीडीपी पोर्टल में शत् प्रतिशत अपलोड कराना है।

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