कवर्धा, 07 अगस्त 2023। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने उद्यानिकी उत्पादक किसानों के लिए संचालित पुनर्गठित मौसम अधारित फसल बीमा योजना की रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कलेक्टर श्री महोबे ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि किसान भाई समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए तत्काल अपनी फसलों का बीमा कराएं। जिससे विपरीत परिस्थिति आने पर बीमा आवरण का लाभ मिल सके एवं हानि से बच सकें। कलेक्टर के साथ वन मंडलाधिकारी श्री चुड़ामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल और उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री आर.एन पाण्डेय सहित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री आर.एन पाण्डेय ने बताया कि खरीफ फसल के लिए टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक के लिए वर्ष 2023-24 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शासन की अधिसूचना के साथ छत्तीसगढ़ में लागू हो गई है। जिले के ईच्छुक ऋणी, अऋणी कृषक 16 अगस्त 2023 तक लोक सेवा केन्द्र, बैक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए बीमा कंपनी के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि श्री विशाल गुलाटी मोबाईल नंबर 7224991180 एवं जिला स्तरीय प्रतिनिधि श्री विद्यानंद चन्द्रवंशी के मोबाईल नंबर 7566826195 से संपर्क कर सकते हैं।
श्री पाण्डेय ने बताया कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक (भूधारक एवं बटाईदार), जो इस योजना में शामिल होने के ईच्छुक है, ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुआई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र सहित संबधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराए जाने के लिए किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि के रूप में देना होगा, शेष प्रीमियम की राशि 50-50 प्रतिशत राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते है, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नही करने पर संबधित बैंक द्वारा संबधित मौसम (खरीफ) के लिए स्वीकृत, नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसानों को विभिन्न मौसमी जोखिम जैसे तापमान (कम या अधिक तापमान), वर्षा (कम अधिक या बेमौसम वर्षा), बिमारी अनुकूल मौसम (कीट एवं व्याधि), ओला वृष्टि एवं चक्रवाती हवायें, हवा की गति, से फसलों को होने वाले क्षति से फसल बीमा का नियमानुसार लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि खरीफ मौसम के टमाटर, बैंगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक फसल के लिए ओला वृष्टि हवायें की स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं-18004190344 पर तथा शिकायत निवारण पोर्टल 14447 या लिखित रूप में 72 घंटे के भीतर संबंधित बैंक, स्थानीय राजस्व, उद्यानिकी, कृषि अधिकारी अथवा जिला उद्यान अधिकारी को बीमित फसल के व्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित सूचित करना होगा। उन्होंने बताया कि संबंधित संस्था, विभाग 48 घंटा के भीतर कृषकों से प्राप्त जानकारी (बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित) बीमा कंपनी को प्रदान करेंगे। बीमा कम्पनी द्वारा जिले में 25 स्थानों पर स्वचलित मौसम स्टेशन स्थापित किया गया है, जिससे प्राप्त मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर ही बीमा दावा का भुगतान किया जाता है। कृषक द्वारा लगाए गए फसल का केवल एक बार ही बीमा आच्छादन का लाभ ले सकता है। एक रकबे को एक से अधिक बार बीमा होने की स्थिति मे बीमा कम्पनी द्वारा ऐसे सभी दावो को निरस्त कर दिया जाएगा।