छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम: जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक एवं कार्यशाला संपन्न

सारंगढ़ बिलाईगढ़, मई 2023/कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक एवं जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के सभी विभागों के प्रमुख एवं प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला ने इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी। कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी ने कहा कि जिले के सभी शासकीय कार्यालयों-संस्थानों को तम्बाकू मुक्त जोन किया जाना है, इस संबंध में सभी अधिकारी कार्रवाई करें।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि तम्बाकू से प्रतिवर्ष देश में 12 लाख से अधिक मौते होती हैं, जो कोरोना जैसे महामारी से हुई मौत से भी दोगुनी से अधिक है। लगभग 90 प्रतिशत मुंह के कैंसर का प्रमुख कारक है। 40 प्रतिशत उपयोगकर्ता टीबी से ग्रसित होते हैं। धुम्रपान करने वालों के साथ-साथ धुम्रपान नहीं करने वालों को भी बराबर नुकसान करता है। पेपर पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने के लिए सालाना 20 लाख से अधिक पेड़ काटे जाते हैं। सालाना तम्बाकू उत्पादों के कारण राज्य में 4500 टन से अधिक कचरा उत्पन्न होता है, जो भारतीय मालगाड़ी में ले जाने वाले वजन से अधिक है। छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष से अधिक उम्र वालों का जीएटीएस सर्वे 2016-17 के अनुसार 39.1 प्रतिशत तम्बाकू उपयोगकर्ता हैं, वहीं 13 से 15 वर्ष के शाला प्रवेशी बच्चों के सर्वे जीवायटीएस-4 2019 के अनुसार 8 प्रतिशत तम्बाकू उपयोगकर्ता हैं। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य तम्बाकू सेवा के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाना है। तम्बाकू उत्पादों के उत्पादान और आपूर्ति को कम करना है। सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य उत्पादन और आपूर्ति और वितरण का निषेध) अधिनियम 2003 कोटपा के तहत प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है साथ ही तम्बाकू का सेवन छोड़नेे में लोगों की मदद करना है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए राज्य, जिला और विकासखंड स्तर के साथ-साथ जिला प्रर्वतन दल एवं नशा मुक्ति केन्द्र के माध्यम से समिति गठित कर कार्रवाई की जाती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में हुक्का प्रतिबंधित है और खुली सिगरेट, बीड़ी विक्रय भी प्रतिबंधित है। राज्य के 14 जिलों में धुम्रपान निषेध एवं थूकने पर प्रतिबंध है। ग्राम स्तर पर तम्बाकू रोकथाम के लिए क्रियान्वयन किया जाता है। सरगुजा जिला राज्य का प्रथम धुम्रपान मुक्त जिला है और जशपुर शहर राज्य का प्रथम धुम्रपान मुक्त शहर है। राज्य के 3752 शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया गया है। ई-सिगरेट अधिनियम 2021 लागू होने के बाद देश में पहला केस बिलासपुर में दर्ज किया गया।
कोटपा कानून: इसके तहत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान प्रतिबंधित है। किसी भी प्रकार का विज्ञापन प्रतिबंधित है। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा खरीदी एवं बेचा जाना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना प्रतिबंधित है। तम्बाकू उत्पाद पर बिना चेतावनी के व्यापार, उत्पादन, प्रदाय और वितरण प्रतिबंधित है। तम्बाकू का विज्ञापन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित है। इन नियमों के उल्लंघन पर एक हजार से पांच हजार तक जुर्माना किया जा सकता है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन एवं रोकथाम के लिए रेलवे, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, नगरीय निकाय, खाद्य औषधि एवं प्रशासन, कृषि, परिवहन, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, पुलिस और समाज कल्याण विभाग सहित अन्य गैर सरकारी संगठन की भूमिका प्रमुख है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर निष्ठा पांडेय तिवारी, संयुक्त कलेक्टर भागवत जायसवाल, एसडीएम मोनिका वर्मा, सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला, एसडीओपी (पुलिस) स्नेहिल साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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