छत्तीसगढ़

जिले में खोजे जाएंगे घर-घर टी बी और कुष्ठ के मरीज

सघन टी बी एवं कुष्ठ खोज अभियान की शुरुआत आज से

बलौदाबाजार, नवंबर 2022/राज्य शासन ने प्रदेश भर में टीबी और कुष्ठ के मरीज़ों की खोज के लिए सघन खोज अभियान शुरू किया है। इस कड़ी में कलेक्टर श्री रजत बंसल ने समय सीमा की बैठक में समस्त विभाग प्रमुख को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की प्रदेश सहित जिले में भी 1 दिसम्बर से 21 दिसंबर तक सघन टी बी एवं कुष्ठ खोज अभियान चलाया जाना है। जिसमें मितानिन तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जा कर परिवार के प्रत्येक सदस्य का सर्वे करते हुए टी बी तथा कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की खोज करेंगे एवं लक्षण वाले व्यक्तियों को आगे की जांच और उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की जाएगी । यह अभियान दो चरणों में संपादित हो रहा है। पहला चरण 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक होगा जबकि दूसरा चरण 2 जनवरी से 17 जनवरी तक होगा । दूसरे चरण में जिले के समस्त निजी चिकित्सा संस्थाओं और केमिस्ट दुकानों से कुष्ठ और टीबी के संदेहास्पद मरीजों की सूची लेकर आगे की जाँच और उपचार की व्यवस्था की जाएगी। जिले में इस अभियान को लेकर पूर्ण तैयारी हो चुकी है एवं मैदानी अमले को इस हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। जिले और ब्लाक में आयोजित इस प्रशिक्षण में समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी,बीपीएम,बीईटीओ,आरएमए,डेटा मैनेजर, सुपरवाइजर,स्वास्थ्य संयोजक,मितानिन कार्यक्रम समन्वयक सम्मिलित रहे। प्रशिक्षण जिला नोडल अधिकारी टीबी डॉ राजेश कुमार अवस्थी एवं जिला नोडल अधिकारी कुष्ठ डॉ कल्याण कुरुवंशी ने दिया। अभियान के पहले चरण जो की 1 से 21 दिसम्बर तक होगा उसमें 15 तारीख तक मितानिनें गृह भ्रमण कर के मरीजों को चिन्हित करेंगी जबकि 16 से 21 दिसम्बर तक उक्त संदेहास्पद मरीजों का सत्यापन कर उन पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। सीएमएचओ डॉ महिस्वर ने बताया कि,प्रदेश से टीबी का वर्ष 2023 तक उन्मूलन किया जाना है। टी बी और कुष्ठ दोनों ही संक्रामक रोग हैं। दो हफ्ते से अधिक की खाँसी, बलगम का आना,छाती में दर्द, शाम को हल्का बुखार, वजन का कम होना,भूख न लगना ये टीबी के लक्षण हैं जबकि,त्वचा का रंग हल्का या काला होना सूखापन या परत दार पन सूजन के लक्षण, जैसे लाली त्वचा में जलन महसूस होना ,नोड्यूल्स की वृद्धि पैरों पर दर्द रहित अल्सर का बनना घावों के आसपास की त्वचा का मोटा होना ये कुष्ठ के लक्षण हैं। टीबी और कुष्ठ दोनों का ही उपचार पूरी तरह से निःशुल्क उपलब्ध है। डॉट्स के माध्यम से टीबी जबकि एम डी टी के माध्यम से कुष्ठ का इलाज किया जाता है।

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