— जिपं सीईओ ने ली नवाजतन कार्यक्रम की जानकारी
जांजगीर-चांपा, कोरोना के कारण बच्चों के सीखने की क्षमता में कमी आई है। उसे दूर करने के लिए सुधार की जरूरत है। अधिकांश शालाओं में बच्चे बुनियादी स्तर पर है। जिन नोडल व्याख्याताओं को दायित्व मिला है वह स्कूलों में जाए और प्रक्रिया को समझते हुए बच्चों में क्या सुधार हो रहा है इसका अध्ययन करें। स्कूलों में मिशन मोड पर सुधार करना जरूरी है। यह बात मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित नवाजतन कार्यक्रम की प्रगति को लेकर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कही।
जिपं सीईओ डॉ. फरिहा आलम ने कहा कि बुनियादी स्तर पर बच्चों को मजबूत बनाकर उनका विकास करना है। दो साल में कोविड के कारण अध्यापन कार्य काफी पिछड़ गया है इसलिए जरूरी है कि सभी नोडल, व्याख्याता इसे एक मिशन बनाकर और टीम वर्क की तरह कार्य करें। उन्होंने कहा कि नोडल व्याख्याता, अधिकारी जो अच्छा कार्य करेंगे, जिस स्कूल के बच्चों में सुधार आएगा उन स्कूलों, शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल के आप नोडल बनाए गए हैं, उनके जाएं देखे और यह मानकर कार्य करें कि स्कूल में आपका ही बच्चा पढ़ रहा है इससे बेहतर सुधार होगा। बच्चों की शिक्षा में जब सुधार दिखता है तो अच्छा लगता है। बैठक में नवाजतन जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री यू.के.रस्तोगी, बीईओ नवागढ़ श्री विजय लहरे, तकनीकी प्रभारी स्वीकृति मंच श्री दीपक यादव, रिसर्चर श्रीमती अंजूलता दुबे, मास्टर ट्रेनर दीप्ति सिंह राठौर, अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन जिला प्रभारी श्री मुनीर, नवागढ समस्त प्राचार्य मौजूद रहे।
