ड्राप आउट हो चुके विद्यार्थी,बेरोजगार युवाओं को अब कौशल सीखने का मिलेगा अवसर
ड्राप आउट बच्चे भी बनेंगे देश का भविष्य
जिला प्रशासन की तत्परता से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रहा विकास कार्य
दंतेवाड़ा, अक्टूबर 2022। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में लगातार विस्तार किया जा रहा है। जिले के नक्सल प्रभावित गांवों तक विकास पहुंचाने, मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने पर जिला प्रशासन विशेष प्रयास कर रहा है।किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य विशेष महत्व रखती है। यही देखते हुए जिला प्रशासन कटेकल्याण क्षेत्र पर विशेष फोकस कर रहा है।मुख्यमंत्री की मंशानुरूप जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए कटेकल्याण के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों की मांग अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।कटेकल्याण में नवीन 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसके लिए भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है नए भवन के निर्माण से कटेकल्याण अब बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से मजबूत होगी।इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की व्यवस्था करते हुए सप्ताह में एक दिवस शिशु रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की व्यवस्था की गई है भेंट मुलाकात दौरान मांग अनुसार कलेक्टर के निर्देश पर कटेकल्याण में महिला चिकित्सक की पदस्थापना भी कर दी गई है निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं का बदलाव देखा जा रहा है
कटेकल्याण में उच्च शिक्षा के स्तर को नई बुलंदी पर लाने को जिला प्रशासन हैं तैयार
जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से आधारभूत संरचना को मजबूत करते हुए जिले में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और इसके लिए लिए ब्लॉक स्तर पर विभिन्न सुविधाओं को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।कटेकल्याण में कॉलेज भवन के निर्माण से अंदरूनी क्षेत्रों के गांव के बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। इससे उच्च शिक्षा की सुविधाओं से वंचित क्षेत्र की छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी वही उच्च शिक्षा के स्तर में गुणात्मक वृद्धि भी होगी। जिससे क्षेत्र के बालक-बालिकाओं का सर्वांगीण विकास होगा। आपको बता दे कि वर्तमान में कटेकल्याण में प्राथमिक शाला में कॉलेज संचालित है।जहां बच्चों की सुविधा हेतु 6 अतिरिक्त कक्ष दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को कॉलेज भवन के साथ अब बालक एवं बालिका आश्रम छात्रवास की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।जिससे अध्ययनरत बच्चे व भावी पीढ़ी इसका लाभ ले सकेंगे।अंदरूनी क्षेत्रों में अभिभावकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी, छात्र,छात्राओं के स्तर के अनुरूप सीखने के अवसरों का अभाव, विद्यालय में आधारभूत संरचना का अभाव, यातायात की सुविधा का अभाव और कालेज से दूरी , आर्थिक रूप से सक्षम न होना,बच्चों का आर्थिक गतिविधियों में लगने,प्रवासी मजदूरों के साथ बच्चों का पलायन भी बच्चों के शिक्षा से कटने का एक प्रमुख कारण बनता है।लेकिन बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए आश्रम छात्रावास सुविधा की व्यवस्था की जा रही है।प्रशासन भी अब संवेदनशील क्षेत्रों और अंदरूनी इलाकों तक पहुंच रहा है। प्रशासन हर कदम में ग्रामीणों के साथ है। स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने बुनियादी सुविधा पहुंचाने शासन-प्रशासन निरंतर कार्य भी कर रहा है। कटेकल्याण के साथ अब किरन्दुल स्थित अरविंद कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों को बालक और बालिका छात्रवास की सुविधा दी जाएगी जिसमें पढ़ाई छोड़ चुके विद्यार्थी , बेरोजगार घूम रहे बच्चों को अपनी शिक्षा पूरी करने ,कौशल सीखने का अवसर मिल सकेगा।स्कूल ड्रॉप आउट छात्रों को कौशल निखारकर रोजगार पाने का मौका मिलेगा। शासन-प्रशासन द्वारा स्कूली शिक्षा से वंचित या ड्रापआउट बच्चों का कौशल तराशने के साथ पढाई से दूर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। है। आश्रम छात्रवास के निर्माण से बच्चों में शिक्षा के प्रति निरंतरता बनी रहेगी।नियमित कक्षाओं का संचालन से वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ले पाएंगे।साथ ही शिक्षा पूरी करने के बाद वह अपने हुनर व कौशल की बदौलत रोजगार से जुड़कर जीवन यापन कर सकेंगे।
गौमूत्र खरीदी से पशुपालकों को मिल रहा दोहरा लाभ
कीट नियंत्रण ,वृद्धि वर्धक के निर्माण से समूह की दीदियों ने कमाया अच्छा मुनाफा
पशु उत्पादों का किया जा रहा उचित उपयोग
दंतेवाड़ा, अक्टूबर 2022। छ.ग. शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना में शुरुआती दौर में गोबर खरीदी कर वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा था लेकिन अब इसमें विस्तार करते हुए हरेली पर्व पर 28 जुलाई 2022 से गौठानो में गोमूत्र की खरीदी का शुभारंभ किया गया है। पशुपालक ग्रामीणों से अब शासन प्रशासन द्वारा दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर गोबर खरीदने के बाद अब चार रुपए लीटर में गोमूत्र खरीद रहा है.गोमूत्र खरीदी से अब पशुपालकों को दोहरा लाभ मिल रहा है। जहाँ गोबर के साथ गौमूत्र की बिक्री कर अच्छी लाभ भी अर्जित कर रहे है। ऐसे ही दंतेवाड़ा जिले में प्रथम चरण में टेकनार एवं भैरमबन्द गौठान में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। इन दोनों गौठानो के अंतर्गत गौमूत्र की खरीदी कर कीटनाशक, वृध्दिवर्धक का निर्माण किया जा रहा है। जिसमे कीटनियंत्रक 50 रूपये. वृध्दिवर्धक – 40 रूपये का विक्रय दर निर्धारित किया गया है। ग्राम टेकनार गोठान में दिशा ग्राम संगठन कि महिलाओं के द्वारा एवं ग्राम भैरमबंद गौठान में कमलफल स्व सहायता समूह, अम्बे माँ स्व सहायता समूह एवं रोशनी स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा गोमूत्र की खरीदी कर उनसे कीटनाशक, वृध्दिवर्धक बनाया जा रहा है। वर्तमान में दोनों गोठानों में कार्यरत समूह की महिलाओं द्वारा 1731 लीटर गौमूत्र की खरीदी की गई जिसमें 625 लीटर कीटनाशक एवं 3820 लीटर वृध्दिवर्धक का उत्पादन किया गया। निर्मित कीटनाशक ब्रह्मास्त्र एवं वृध्दिवर्धक जीवामृत के विक्री उपरांत समूह की दीदियों द्वारा कुल 1 लाख80 हज़ार 108 रुपए अर्जित किया गया। वर्तमान में जिले के कृषकों द्वारा जैविक खेती की जा रही है और अब फसलों में कीटनियंत्रक ,वृद्धिवर्धक जैसे जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जा रहा है। जिससे फसल की कम लागत होने से आय में वृद्धि होगी। साथ खाद्यान्न की गुणवत्ता में वृद्धि होगी और यह पर्यावरण सुरक्षा में भी लाभदायी है। जिले में गौमूत्र से बनाये गए उत्पाद जिले के सी मार्ट में उपलब्ध है इसके साथ ही किसानों से सीधे संपर्क कर इसकी उपयोगिता के महत्व को समझाते हुए बिक्री की जा रही है।
बदलता दंतेवाड़ा रू नई तस्वीर
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना ने बचाई जूनिता की जान मिला बच्चे को जीवनदान
दंतेवाड़ा, अक्टूबर 2022। दंतेवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन के प्रयास से जिला को एनीमिया मुक्त बनाने हेतु एनीमिया मुक्त दंतेवाड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों, आश्रम परिसरों में किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं का एनीमिया की जांच की जा रही है। एनीमिक प्रकरण मिलने पर उचित उपचार भी किया जा रहा है। ऐसे ही जांच के दौरान विकासखण्ड कुआकोंडा के पुजारी पारा की रहने वाली जूनिता की गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की जांच की गई । जिसमें एनीमिया की वजह से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम 5.6 पाया गया। जिसके पश्चात महिला को हाई रिस्क गर्भवती महिला में चिन्हांकित कर विभाग के द्वारा लगातार फॉलोअप किया गया गया। समय समय पर विशेष जांच करते हुए आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी गई। जिससे आयरन का स्तर बेहतर करने में मदद मिली और धीरे धीरे उसकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होने लगा। इन प्रयासों का यह परिणाम यह हुआ कि जूनिता ने कुपोषण के खिलाफ जंग जीत 9 महीने पश्चात जिला चिकित्सालय में स्वस्थ बेटी को जन्म दिया जिसका वजन 3 किलोग्राम है।आज जूनिता और उसका परिवार काफी खुश है कि शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जूनिता लाभ ले कर स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर सुपोषण योजना को पूरे राज्य में शुरू किया था। इस योजना के तहत महिलाओं और बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सभी जिलों में सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। योजनांतर्गत बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को प्रतिदिन मुफ्त पौष्टिक भोजन आहार, मूंगफली और गुड़ से बने लड्डू इत्यादि देकर कुपोषण व एनीमिया को दूर किया जा रहा है।