जगदलपुर , जुलाई 2022/ भारत सरकार के गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव सुश्री बी वी उमादेवी ने आज बस्तर जिले में जल शक्ति अभियान की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर श्री चंदन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित व्यास, वन मंडलाधिकारी श्री डीपी साहू उपस्थित थे।
सुश्री उमा देवी ने कहा कि जल संचय और संवर्धन के लिए प्रारंभ किए गए इस अभियान के तहत सभी जिलों में जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही सभी जल निकायों की सूची बनाकर इनकी जियो टैगिंग की जा रही है। जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही वृक्षारोपण किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसमें नरवा कार्यक्रम के तहत जल संचयन और संवर्धन के लिए ब्रशवुड, गली प्लग, लूज बोल्डर स्ट्रक्चर, कंटूर ट्रेंच, डबरी, कुआं, तालाब, डाईक, स्टाॅप डेम, चेक डेम इत्यादि निर्माण स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से किए जा रहे हैं। इससे जल संचयन के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में 66 नालों में 4503 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें 4199 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वर्ष 2021-22 में 211 नालों में 5015 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें 3436 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि खेती किसानी के कार्य को सुगम बनाने के लिए पशुओं के ठहरने के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण किया गया है। जिले में 278 गौठान बनाए गए हैं। इन गौठानों में गोबर की खरीदी कर खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही 150 गौठानों में ड्रिप सिंचाई की सुविधा प्रदान कर बाड़ियां विकसित की गई हैं, जहां स्थानीय स्व सहायता समूह की महिलाएं सब्जी उत्पादन का कार्य कर रही हैं। इन गौठानों को अब ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां विभिन्न प्रकार की आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
बैठक में जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कृषि, उद्यानिकी आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।