छत्तीसगढ़

बीज की बोआई से पहले करें बीजोपचार एवं अंकुरण परीक्षण

बलौदाबाजार, जून 2022/ मानसून की अच्छी वर्षा के साथ खरीफ की बुआई पूर्ण रूप से जोरो पर है। जब हम खेती की बात करते है, तब बीज की महत्ता बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि बीज के उपर हमारा पूरा कृषि कार्य निर्भर करता है, बीज अगर स्वस्थ्य होगा तो पौधे स्वस्थ्य होंगे, कीड़े बीमारी का प्रकोप कम होगा और उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि होगी वही यदि बीज सही नहीं है, तो बीज का अंकुरण अच्छा नहीं होगा, प्रति इकाई क्षेत्र में पौध संख्या कम होगी और यदि अंकुरित हो जाता है तो पौधे अस्वस्थ्य एवं कीड़े बामारी का प्रकोप बढ़ जाने से रोकथाम हेतु फसल औषधि का अधिक उपयोग करने के कारण उत्पादन लागत बढ़ जाता है। इसलिये बीज का अंकुरण परीक्षण बहुत जरूरी है।*बीज अंकुरण परीक्षण -*किसान अपने खेत में फसल लेने के लिये बीज की व्यवस्था या तो कर लिये है या कर रहे है, इसमें एक बात ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। कि हम बीज का स्त्रोत जैसे सोसायटी एवं गांव के किन्ही उत्कृष्ट कृषक से अदला बदली द्वारा व्यवस्था किये हैं, तो बीज का अंकुरण सही होने का कोई जीवंत प्रमाण नहीं होता है। इस लिये बीज की बोआई से पहले बीज का अंकुरण जांच करना बहुत जरूरी होता है। खेत में डाले गये बीज का अंकुरण सही नहीं होने पर वह स्थान पूरे फसल काल तक खाली रह जाता है एवं इस स्थान पर डाले गये रासायनिक एवं जैविक खाद प्रभावहीन हो जाता है। इसलिये बुआई पूर्व अंकुरण परीक्षण बहुत ही जरूरी है, इस हेतु बीज की बोरी से बीज साफ-सफाई कर छोटे एवं अस्वस्थ दाने अलग कर ले तथा बिना छांटे 100 बीज गिनकर गीली बोरी में कतार में रखकर लपेट कर रख दें। साथ ही बोरे में हल्की नमी बनाये रखे तीन चार दिनों में बीज अंकुरण होने के बाद अंकुरित बीज की संख्या के गिन ले क्योंकि यही आपके बीज अंकुरण प्रतिशत होगा। विभिन्न बीजों के माध्यम से उचित अंकुरण क्षमता के मापदंड अलग-अलग होते है, जैसे धान 80-85 प्रतिशत, उड़द 75 प्रतिशत, सोयाबीन 70-75 प्रतिशत है। अंकुरण परीक्षण में उपरोक्त मापदण्ड से थोड़ा अंतर होने पर बीज की मात्रा बढ़ाकर बोआई करें। यदि बीज का अंकुरण प्रतिशत मापदण्ड से बहुत कम है तो उस बीज की बुआई न करें तथा बीज स्त्रोत को बीज वापस करें एवं तुंरत नजदीकी कृषि अधिकारी को जानकारी देवें। बीज की अंकुरण का पौध संख्या पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इसलिये बीज की अंकुरण जांच करके ही बीज की बुआई करें।

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