छत्तीसगढ़

जिले के 252 फड़ों के जरिए हरा सोना की खरीदी शुरू

कवर्धा, मई 2022। वनोपज से लगे कबीरधाम जिले के 33 हजार संग्राहक परिवारों के घर मई माह में धन लक्ष्मी वर्षा होगी। वनोपज से जुड़े जिले के 33 हजार परिवार तेन्दूपत्ता की तोड़ाई काम में जुट गए है। पूरे मई माह में यह परिवार लगभग 40 हजार 800 मानक बोरा की तोड़ाई करेगा। वनोपज से जुड़े इस सभी परिवारों को एक माह में लगभग 16 करोड़ 32 लाख रूपए का सीधा लाभ मिलने वाला है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के तेन्दूपत्ता संग्राहकों के आमदानी को बढ़ाने और उन्हे आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए 25 सौ रूपए प्रतिमानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया है। कबीरधाम जिले में तेन्दूपत्ता तोड़ने वाले 33 हजार संग्राहकां को महज एक माह में लगभग 16 करोड़ 32 लाख रूपए का सीधा लाभ मिलने वाला है। इस साल 40 हजार 800 मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। जिले के 252 फड़ों के जरिए इसकी खरीदी हो रही है।
प्रदेश के वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार कवर्धा वनमंडला अधिकारी श्री चुरामणि सिंह विभाग के मानक के अनुरूप तेन्दूपत्ता संग्रहण करने में जुट गया है। डीएफओ श्री सिंह ने प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति राजानवागांव के फड़ छपरी और दियाबार में आज से तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य का शुभारंभ किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण के संबंध में बताया कि कबीरधाम जिले के वनवासियों द्वारा अक्षय तृतीया के दिन 10-10 तेंदूपत्ता गड्डियों की पूजा की गई थी।

चिकना और सपाट तेन्दूपता की तोड़ाई करें- डीएफओ श्री सिंह

वनमंडलाधिकारी श्री चुरामणि सिंह कहा कि तेन्दूपत्ता का चिकना और सपाट पत्ता ही उपयोग में लाया जाता है। इसलिए तेन्दूपत्ता संग्राहक चिकना और सपाट तेन्दूपत्ता की ही तोड़ाई करें। उन्होने जिले के तेन्दूपत्ता संग्राहकों से अपील करते हुए कहा कि ग्रामवासी चिकना, सपाट व कम से कम 01 बीड़ी बनाने योग्य पत्ता तोड़े। माता दाग, छोटा तथा कंवला पत्ता ना तोडे़। पत्ता तोड़ाई के बाद 50-50 तेंदूपत्ता की गड्डी की बंधाई ठीक ढंग से करें, ताकि आंधी आने पर पत्ते उड़ने न पाये। तेंदूपत्ता शाम 3.00 बजे से अंधेरा होने के पूर्व अपने ग्राम की तेंदूपत्ता फड़ों पर लेकर पहुॅंचे। फड़मुंशी से जांच के बाद 100-100 गड्डी के चट्टे लगाकर गिनती करवाकर अपने संग्राहक कार्ड में लायी तेंदूपत्ता गड्डी की प्रविष्टि जरूर कराएं। ग्रामीण संग्राहक कार्ड में संबंधित फड़मुंशी के हस्ताक्षर करवाकर कार्ड अपने पास सुरक्षित रखें।

लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से संग्राहकों का सर्वेक्षण व ईकेवायसी

इस वर्ष संग्राहकों का सर्वेक्षण कार्य भी लोक सेवा केन्द्र के व्हीएलई के माध्यम से करवाया जा रहा है। सभी संग्राहकों का ईकेवायसी हो जाने पर संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित तेंदूपत्ता का भुगतान उनके खातों में सीधे पहुॅंच जाएगा। वनमंडलाधिकारी ने बताया कि समस्त ग्रामवासी लोक सेवा केन्द्र दल को ई केवायसी के लिए जरूरी दस्तावेज राष्ट्रीयकृत बैंक का खाता बुक, राशन कार्ड, विगत वर्षो का संग्राहक कार्ड,आधार कार्ड, मोबाईल नम्बर, संग्राहक यदि कृषक हो तो रकबा, खसरा क्रमांक व बी-1 की नकल दे। एक बार सर्वेक्षण होने के बाद संग्राहकों को बोनस, छात्रवृत्ति तथा बीमा संबंधी कार्यों को सरलता से संपन्न कराया जा सकेगा। समस्त आवेदन लोक सेवा केन्द्र में लगाते ही आनलाईन कार्यवाही प्रारंभ हो जाएगी और भुगतान सीधे उनके खाते में पहुॅच जाएगा। वनमंडलाधिकारी महोदय द्वारा वन अमले को भी प्रत्येक फड़ पर संग्रहण दर तथा गुणवत्ता मानक का बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। 23 लाटों के अग्रिम क्रेताओं को भी तेंदूपत्ता संग्रहण के 24 घंटे के अंदर परिदान प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।

19 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के लिए 19 पोषक अधिकारी और 19 प्रबंधकों की ड्यूटी लगाई

डीएफओ चुरामणि सिंह ने जिले के सभी फड़ों में फड़ मुंशी और फड़ अभिरक्षकों की ड्यूटी लगाई है। तेंदूपत्ता संग्रहण के इस कार्य को कराने के लिए उप वन मंडल अधिकारी, जोनल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी बतौर नोडल अधिकारी और इन 19 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के लिए 19 पोषक अधिकारी और 19 प्रबंधकों की ड्यूटी लगाई गई है। कबीरधाम जिले के जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा में तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2022 में संग्रहण लक्ष्य 40800 मानक बोरा, 16.32 करोड़ रुपए और संग्राहक परिवार संख्या लगभग 33000 निर्धारित किया गया है। बीते साल खरीदे गए थे 15.20 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता। कबीरधाम जिले में वर्ष 2021 में 38013.345 मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी हुई थी। इसका 30927 संग्राहक परिवारों को 15.20 लाख रुपए भुगतान किया गया था। इसी तरह वर्ष 2020 में 20304.090 मानक बोरा (8.12 करोड़ रुपए) और वर्ष 2019 में 35411.300 मानक बोरा (14.16 करोड़ रुपए) का तेंदूपत्ता खरीदे थे।
समाचार क्रमांक-384/गुलाब डडसेना फोटो/01-03

मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नाम पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर घोषित

कवर्धा, मई 2022। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नाम पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर घोषित किया है। इसके अनुसार मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम के संबंध में स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय नाम का उपयोग सभी शासकीय कार्यों में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नवीन मछली निति निर्माण कमेटी द्वारा सर्व समिति से मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके परिणीति राज्य शासन द्वारा मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नाम पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर रखा गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रति छत्तीसगढ़ मछुआ समुदाय द्वारा अभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
समाचार क्रमांक-385/गुलाब डडसेना/निखलेश

प्रतिभावान छत्र-छात्राओं को मिलेगी एस.एस.सी, बैंकिंग, रेल्वे एवं व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग

कवर्धा, 06 मई 2022। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास इन्द्रावती भवन नवा रायपुर के निर्देशानुसार राजीव युवा उत्थान योजना वर्ष-2019 अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभावान छात्र, छात्राओं को एस.एस.सी, बैंकिंग, रेल्वे एवं व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चयनित कोचिंग संस्था इन्नोएड एकडमी रायपुर के साथ अनुबंध निष्पादित किया गया है।
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री आर.एस. टंडन ने बताया कि परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूवार को पुराना कचहरी पारा स्थित भवन में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप कुमार अग्रवाल उपस्थित थे साथ ही श्री आर.एस.टण्डन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, एकेडमी के संचालक श्री योगेश देवांगन, श्री प्रमोद प्रकाश प्राचार्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तरेगांव जंगल तथा एकेडमी के फैकल्टिस श्री सतीश जायसवाल एवं पुष्पलता साहू उपस्थित थे। उन्होनें बताया कि उक्त प्रशिक्षण का सत्र 6 माह निर्धारित है। प्रशिक्षण में 100 प्रशिक्षणार्थी को प्रवेश दिया गया है। जिसमें 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग के, 30 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग के एवं 20 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीट निर्धारित है। उल्लेखित प्रतिभागियों में से 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित है। उक्त परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम 05 मई 2022 से 04 नवंबर 2022 तक संचालित होगा।

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