राजनांदगांव, 04 फरवरी 2022 – राज्य शासन की मंशानुरूप समूचे छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा पारेषण व वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण युद्धस्तर पर जारी है। इसी कड़ी में प्रदेश के 125 वें अति उच्चदाब उपकेंद्र को प्रबंध निदेशक श्री एस0डी0 तेलंग व्दारा ऊर्जीकृत किया गया। इसके साथ ही अतिउच्चदाब उपकेन्द्रों की संख्या 125 तथा ईएचटी लाइन की लंबाई 13,390 सर्किट किलोमीटर हो गई है। राज्य निर्माण के समय ईएचटी उपकेंद्रों की संख्या 27 एवं लाइन की लंबाई 5205 सर्किट किलोमीटर ही थी। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशकगगण सर्वश्री कैलाश नारनवरे, पी0सी0 पारधी, डी0के0 चावड़ा एवं टी0के0 मेश्राम आदि उपस्थित थे। 40 करोड़ रूपये की लागत से खैरागढ़ (राजनांदगांव) के ग्राम कुम्ही में 23.5 किलोमीटर लम्बी 132 के.व्ही. डी.सी.डी.एस. ठेलकाडीह-खैरागढ़ कुम्ही पारेषण लाईन एवं 132/33 के.व्ही. का उपकेन्द्र पूर्ण कर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा ऊर्जीकृत किया गया।
उक्त कार्य कोरोना काल के विषम परिस्थितियों के बीच अधीक्षण अभियंता, अति उच्चदाब (निर्माण एवं संधारण) वृत्त भिलाई के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में पूर्ण हुआ। इस उपकेन्द्र के ऊर्जीकृत होने से खैरागढ़ शहर सहित लगभग 76 गॉव एवं लगभग बीस हजार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली आपूर्ति का लाभ मिलेगा। अति उच्चदाब उपकेन्द्र कुम्ही खैरागढ़ में 40 एम0व्ही0ए0 क्षमता का ट्रांसफार्मर भी ऊर्जीकृत किया गया। नवनिर्मित कुम्ही 132/33 के0व्ही0 उपकेन्द्र से मुढ़ीपार, छुईखदान, बैहाटोला, मंडला, बाजार अतरिया, गंडई एवं ईटार फीडर के माध्यम से विद्युत सप्लाई प्रदाय की जायेगी।
राजनांदगांव क्षेत्र के मुख्य अभियंता श्री टी0के0 मेश्राम ने बताया कि इस उपकेन्द्र की मांग लम्बे समय से इस क्षेत्र के लोगों एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी। इस उपकेन्द्र के क्रियाशील हो जाने से इन क्षेत्रों में किसी प्रकार का विद्युत अवरोध होने पर सुधार कार्य में कम समय लगेगा। साथ ही 76 गांवों सहित आसपास के क्षेत्रों में भूमि एवं उद्योग जगत का विकास होगा। इसके पूर्व खैरागढ़ क्षेत्र में विद्युत प्रदाय गंडई और ठेलकाडीह से 33 के.व्ही. लाईन के माध्यम से किया जाता था। लम्बी लाईन होने के कारण लो वोल्टेज एवं लाईन में व्यवधान की संभावना बनी रहती थी। यह समस्या दूर होगी।
इस कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में मुख्य अभियंता श्री टी0के0 मेश्राम, अधीक्षण अभियंता सर्वश्री सलिल कुमार खरे, रंजीत घोश, पी.पी.सिंह, सुनील भुआर्य, कार्यपालन अभियंता श्री छगन षर्मा, श्री अखिलेश गजपाल, एस.के. उइके, श्रीमती बरखा दुबे, एस.के. लोनहारे, एस.के. साहू, रूबी चन्द्राकर, सहायक अभियंता श्री संदीप सोनी, श्री सी.आर. चंद्रवंशी, डॉ0 राजेन्द्र हरमुख, हेमंत बारंगे, डी.के. साहू, एस.के. मंडावी, प्रवीण शुक्ला, आकाश सिन्हा, श्रुति ध्रुव, मनीषा सिंह, सुषील कुमार कोड़ापे की उल्लेखनीय भूमिका रही।