छत्तीसगढ़

जल संसाधन विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति के लिए राज्य कार्यालय को भेजा

कवर्धा, नवम्बर 2021। कबीरधाम जिले के किसानों द्वारा सुतियापाट मध्यम जलाशय के नहर विस्तारीकरण की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर जिला जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में नहर के बायी तट के नहर विस्तारीकरण के साथ-साथ सिंचाई क्षमता को बढ़ाते हुए 6 अलग-अलग छोटी नहर विस्तारीकरण करने की कार्ययोजना बनाकर राज्य कार्यालय को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रेषित किया है। जिला जल संसाधन विभाग द्वारा मध्यम जलाशय के प्रस्तावित नहर विस्तारीकरण कार्य का पुनः सर्वे कराया गया। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नहर विस्तारीकरण के साथ-साथ 6 अलग-अलग छोटी नहर विस्तारीकरण की कार्ययोजना भी बनाई गई।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री डी.के. भगौरिया ने बताया कि सुतियापाट जलाशय मध्यम परियोजना की नहर की बांयी तट नहर का विस्तार कर 3 हजार 250 हेक्टेयर में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्य के लिए 16 करोड़ 50 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है, जिसमें भू-अर्जन के लिए 6 करोड़ 84 लाख रूपए का प्रावधान है। इस योजना में 6 अलग-अलग माइनर नहर का निर्माण किया जाना है, जो प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति में प्रावधानित नहीं है। पुनः प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्राक्कलन में समस्त माइनर, मेन के नाल आदि का समावेश किया गया है। भू-अर्जन प्रकरण एवं 6 माइनरों का समावेश करने पर लागत में वृद्धि हुई है एवं इसकी लागत 46 करोड़ 91 लाख रूपए हो गई है। जिसमें पूर्व में मुख्य रूप से प्राकलन के अंतर्गत ए प्रीलिमिनरी सर्वे में 19 लाख 53 हजार रूपए प्रावधानित था जो कि पुनरीक्षित प्राकलल के अनुसार 20 लाख 53 हजार रूपए हो गया है। इसी प्रकार क्रमशः बी-लैण्ड (भू-अर्जन) 6 करोड़ 84 लाख से 28 करोड़ 14 लाख रूपए (भूमि के दर में वृद्धि, 6 नग माइनर के संलग्निकरण के कारण), सी मेसनरी (पक्का कार्य) 5 करोड़ 18 लाख से 7 करोड़ 66 लाख रूपए, एल अर्थ वर्क में (मिट्टी का कार्य) 3 करोड़ 51 लाख रूपए से बढ़कर 10 करोड़ 64 लाख रूपए की बहोत्तरी हुई है। इस प्रकार कुल वृद्धि 31 करोड़ 3 लाख की हुई है।
समाचार क्रमांक-874/गुलाब ड़डसेना/ढाले

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