छत्तीसगढ़

दाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय में एकदिवसीय पशुपालक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

दुर्ग , नवंबर 2021/दाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर के मार्गदर्शन में निदेशालय विस्तार शिक्षा एवं पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा के संयुक्त तत्वाधान में दुर्ग जिले के प्रगतिशील पशुपालकों के लिए एकदिवसीय पशुपालक संगोष्ठी का आयोजन आज किया गया। इस संगोष्ठी में दुर्ग, भिलाई के लगभग 120 प्रगतिशील दुग्ध व्यवसायी पशुपालक सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य श्री आलोक चन्द्राकर, विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. रविन्द्र, कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.आर.पी.तिवारी, अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी, डॉ. किरण कुमारी एवं डॉ.वी.एन. खुणे और महाविद्यालय के प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। स्वागत उद्बोधन में अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी द्वारा महाविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों एवं उसके उपयोग पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने बताया कि भारत देश दुग्ध उत्पादन एवं उपभोग में पूरे विश्व में प्रथम स्थान में है। महाविद्यालय द्वारा दुग्ध उत्पादक किसानों को आवश्यकतानुसार पशुचिकित्सा एवं तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाता हैं। निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.आर.पी.तिवारी ने बतलाया कि छत्तीसगढ़ राज्य के पशुधन की नस्ल सुधार कृत्रिम गर्भाधान द्वारा कर दुग्ध उत्पादकता बढ़ायी जा सकती है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. डी. रविन्द्र नाबार्ड के महाप्रबंधक ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कृषि विश्वविद्यालय में “भूमि का भगवान“ जो कि आई.बी.सी. न्यूज चैनल में प्रसारित किया गया था उसका जिक्र करते हुए कहा कि कृषको के लाभ के लिए जो नीति बनाना है और उसे कैसे लागू करना है, ग्रामीण विकास के लिए ऋण प्रणाली विकसित करना है, विकास के पहलू को ध्यान में रखकर आधारभूत संरचना, नवीन विचारों को आगे बढ़ाना, ऋण प्राप्ति के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में 0ः पर ऋण आदि की सुविधा, कृषकों को केन्द्र व राज्य सरकारें बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराती है। कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए आधारभूत संरचनाऐं नाबार्ड द्वारा योजनाऐं प्रारंभ की गई। लघु सीमांतक कृषको के लिए ऋण योजनाऐं भेड़-बकरी पालन, मुर्गी पालन, गौपालन, आदि के लिए नाबार्ड ऋण उपलब्ध कराता है।
उन्नतशील पशुपालक श्री पप्पू यादव जी ने इस संगोष्ठी में कहा कि जिस तरह कृषकों को सस्ते दर पर बिजली प्रदाय की जाती है उसी प्रकार पशुपालकों को भी सस्ते दर पर बिजली प्रदाय करने हेतु आग्रह किया। पशुपालक श्री राजेश तिवारी ने डेयरी उद्यमियों को वेटनरी चिकित्सा, श्री श्रवण कुमार यादव ने पशुओं के लिए जेनेरीक दवाईयों एवं दवाखाना, भिलाई गोकुल नगर से पशुपालक श्री जगन्नाथ यादव द्वारा गोकुल नगर में पशुचिकित्सक एवं उनके सहायक की उपस्थिति बढ़ाने का अनुरोध किया।
कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में पशुपालकों/दुग्ध व्यवसायी को संगठित होकर एक समूह बनाकर इंटीग्रेटेड डेयरी मॉडल के विकास द्वारा दूध एवं दुग्ध उत्पाद की पैकेजिंग, प्रोसेसिंग, फीड यूनिट, मिल्किंग पार्लर, एकीकृत दुग्ध उत्पादन किए जाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होने अपने उद्बोधन में बतलाया कि शोध ऐसा हो जिसका कि सामाजिक आयाम में महत्व होना चाहिए। नवीन तकनीकी ज्ञान को पशुपालकों तक पहुॅचाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *