छत्तीसगढ़

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के जीवन को मिली दिशा

राजनांदगांव , नवम्बर 2021। ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब परिवार के बच्चों को कुछ कर दिखाने के जज्बे को उड़ान मिल रही है। शहर से लेकर सुदूर वनांचल क्षेत्र में रहने वाले बच्चे अब स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई कर अपने हुनर को निखार रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए चिंतित रहने वाले अभिभावकों के बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए नया अवसर मिला है। इससे उनके चेहरे पर खुशियां और मुस्कान आई है। गरीब वर्ग के परिवार और अंचल क्षेत्र में रहने वाले अभिभावक आर्थिक परिस्थिति के कारण अपने बच्चे को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में दाखिला नहीं दिला सकते थे। उन अभिभावकों में नई आशाएं जगी है। अब उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से गरीब तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बच्चे अब उच्च शिक्षा में चयनित होने के लिए प्रारंभ से ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में अपना कौशल विकास कर रहे हैं। जिससे आगामी समय में राष्ट्रीय स्तर की उच्च तकनीकी एवं प्रबंध की परीक्षाओं को पास कर प्रवेश कर सकते हैं।
अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा दिलाने का अभिभावकों सपना पूरा हुआ है। बच्चों के लिए तरक्की के रास्ते खुलेंगे। शासन के प्रयासों से अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों के जीवन को दिशा मिली है। गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले में 9 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित की जा रही है। जिला मुख्यालय राजनांदगांव, खैरागढ़, गंडई, छुईखदान, डोंगरगढ़, डोंगरगांव सहित सुदूर वनांचल क्षेत्र मोहला, मानपुर और अंबागढ़ चौकी में स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में 3 हजार 878 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सभी व्यवस्था की जा रही है। स्कूल में बच्चों के प्रायोगिक कौशल विकास के लिए अलग-अलग विषयों के लैब तैयार किए गए हैं। बच्चों को उपयुक्त अच्छी पुस्तकें प्राप्त हो इसके लिए लायब्रेरी की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर स्कूल की दीवारों पर खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक ज्ञान-विज्ञान से संबंधित पेटिंग की गई है। ताकि बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़े। बच्चों को तकनीकी ज्ञान से जोडऩे के लिए कम्प्यूटर लैब बनाया गया है।

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