छत्तीसगढ़

तिल एवं सोयाबीन फसल पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित


बिलासपुर, अक्टूबर 2024/इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति, डॉ. गिरीश चंदेल के निर्देशानुसार 1 अक्टूबर को समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन (तिलहन) कार्यक्रम अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी, जबलपुर एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों द्वारा ग्राम पोड़ी एवं ग्राम आमगांव, विकासखंड मस्तूरी में प्रदर्शित तिल एवं सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया गया।
बैरिस्टर ठाकुर छेदी लाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर के प्राध्यापक डॉ. टी.डी. पाण्डेय की अध्यक्षता में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आर.के.एस. तोमर, आई.सी.ए.आर.-अटारी, जबलपुर के वैज्ञानिक, डॉ. हरीश एम.एन. तथा निदेशालय विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिक डॉ. जी.पी. अयाम के द्वारा तिल एवं सोयाबीन उत्पादक किसानों से चर्चा की गई तथा फसलों का अवलोकन कर तिल की फसल में मिली बग तथा सर्काेस्पोरा लीफ स्पॉट का प्रकोप दिखने पर उसके प्रबंधन की जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि बिलासपुर जिले में खरीफ मौसम में दलहनी एवं तिलहनी फसलों का रकबा विगत वर्षों में तेजी से घटा है। इस वर्ष ज्यादा वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में तिल एवं सोयाबीन फसल में प्रारंभिक स्थिति में गलन एवं उकठा रोग तथा गर्डल बीटल का प्रकोप देखने में आ रहा है। वैज्ञानिकों ने किसानों को आर्थिक क्षति स्तर को ध्यान में रखते हुए इन कीड़ों एवं बीमारियों के प्रबंधन की जानकारी दी।
ग्राम पोड़ी में वैज्ञानिकों के भ्रमण के दौरान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें निरीक्षण दल के वैज्ञानिक सदस्यों के अलावा कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी, डॉ. शिल्पा कौशिक, श्रीमती हेमकांति बंजारे, श्री जयंत साहू, एवं डॉ. एकता ताम्रकार एवं ग्राम पोड़ी एवं आसपास के गांव के 80 प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान श्री लक्ष्मी साहू, श्री माधो सिंह, श्री माखन श्रीवास, श्री सुरेश पटेल एवं अन्य किसानों ने उपस्थित रहकर परिचर्चा में सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिल्पा कौशिक एवं आभार प्रदर्शन श्री जयंत साहू ने किया।

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