छत्तीसगढ़

विधिक सहायता शिविर में एसिड अटैक के संबंध में दी गई जानकारी

अम्बिकापुर 8 अगस्त 2023/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबिकापुर के सचिव श्री अमित जिंदल के मार्गदर्शन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबिकापुर की पीएलवी कुमारी दुर्गा सिंह एवं श्वेता पाण्डेय के द्वारा 7 अगस्त को अम्बिकापुर के शासकीय शालाओ में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर उपस्थित छात्रों को एसिड हमले के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में बताया गया कि एसिड अटैक तथा उसके सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
पीएलवी श्वेता पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि एसिड अटैक सबसे अत्यधिक प्रभावी है जो कि न केवल पीड़ित के मनोभाव को प्रभावित करता है अपितु समस्त समाज पर भी गहरा छाप छोड़ता है। उन्होंने ने बताया कि यद्यपि भारतीय दंड सहिंता में संशोधन करते हुए एसिड अटैक को एक पृथक धारा-326 (अ) के अंतर्गत रखा गया। इसके लिये न्यूनतम 10 वर्ष की सज़ा से लेकर आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया।इस कानून में पीड़ित व्यक्ति के इलाज से इनकार करने पर या पुलिस अधिकारी द्वारा प्राथमिकी पंजीकृत न करने पर या सबूत को दर्ज़ करने से इनकार करने पर भी सजा का प्रावधान है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को एसिड अटैक के पीड़ित व्यक्ति के लिये कम-से-कम 3 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान करने का निर्देश दिया है। घटना के 15 दिनों के भीतर पीड़ित को चिकित्सा देखभाल एवं इससे संबंधित अन्य खर्च के लिये भुगतान किया जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य द्वारा पीड़ित को सार्वजनिक या निजी किसी भी अस्पताल में निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है।  साथ ही, सार्वजानिक एवं निजी क्षेत्र के चिह्नित अस्पतालों में एसिड अटैक पीड़ितों के लिये 1-2 बिस्तर आरक्षित रखे जाते हैं। गृह मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि राज्यों को पीड़ितों के लिये सामाजिक एकीकरण कार्यक्रमों का भी विस्तार करना चाहिये। इसके लिये एनजीओ को विशेष रूप से उनकी पुनर्वास आवश्यकताओं की देखभाल के लिये वित्तपोषित किया जा सकता है।

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