छत्तीसगढ़

बारह तालाबों की मत्स्य विभाग की नर्सरी बारह महीने होगी कार्यरत, पानी की व्यवस्था के लिए निगम से समन्वय करने दिये निर्देश

  • कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने शासकीय पोल्ट्री फार्म का किया निरीक्षण, छह हजार बर्ड्स की क्षमता है इस फार्म में
  • वेटरनरी कालेज भी गये, अधिकारियों ने बताया कि गुजरात डेयरी बोर्ड के अधिकारी जल्द ही करेंगे प्लेसमेंट
  • लाइवलीहुड कालेज का निरीक्षण करने पहुंचे, शिफ्ट होगी बिल्डिंग
  • अधिकारियों ने बताया शत-प्रतिशत होता है प्लेसमेंट
    दुर्ग, जनवरी 2023/ मत्स्य विभाग की नर्सरी अभी केवल तीन महीने ही सक्रिय रहती है। शेष 09 महीने पानी की कमी की वजह से नर्सरी में मछली नहीं पाली जा सकती। कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आज इस नर्सरी को बारह महीने सक्रिय रखने के लिए पानी सप्लाई के लिए नगर निगम से समन्वय करने मत्स्य विभाग को निर्देशित किया। इसके लिए या तो ठगड़ा बांध से सप्लाई करने अथवा वैकल्पिक रास्ते के लिए निर्देशित किया, उन्होंने कहा कि इस नर्सरी में बारह तालाब हैं। सभी में नवाचारी प्रयोग करें जो आजकल किये जाते हैं। हर तालाब में अलग तरह की मछली उत्पादित करें। मत्स्य पालकों को इसका नियमित निरीक्षण कराएं। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
    वेटरनरी कालेज में गुजरात से आ रहा प्लेसमेंट, मोबाइल वैन में मिलेगी नियुक्ति- कलेक्टर ने अंजोरा में वेटरनरी कालेज का निरीक्षण भी किया तथा यहां प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं से बात की। प्राचार्य ने वर्तमान गतिविधि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ही गुजरात सरकार भी पशुओं की चिकित्सा के लिए मोबाइल वैन चलाने जा रही है तथा इसमें उन्हें चिकित्सकों की जरूरत है। इसके लिए यहां गुजरात से बोर्ड के अधिकारी प्लेसमेंट के लिए एक सप्ताह बाद आने वाले हैं। यहां के प्राचार्य ने बताया कि वेटरनरी में असीम संभावनाएं हैं। यहां शासकीय सेवा में भी अच्छी संभावना है और निजी क्षेत्र में भी। उन्होंने अंजोरा में पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भी देखा। अधिकारियों ने बताया कि साहीवाल प्रजाति की गाय यहां के वातावरण में अनुकूल है और लगभग बारह लीटर दूध देती है। कलेक्टर ने कहा कि साहीवाल प्रजाति को लेकर माडल फार्म बनाने की योजना है जिसे स्वसहायता समूह चलाएं। इससे पूरे क्षेत्र में दुग्ध उद्यम को लेकर बेहतर वातावरण तैयार होगा।
    छह हजार मुर्गियों का होता है पालन, 1956 से चल रहा यूनिट- कलेक्टर ने पशुधन विकास विभाग द्वारा चलाया जा रहा पोल्ट्री फार्म भी देखा। यहां विभागीय बैक्यार्ड कुक्कुट योजना में हितग्राहियों को प्रदाय करने के लिए कुक्कुट तैयार किये जाते हैं। इसकी क्षमता लगभग छह हजार बर्ड्स की है। कलेक्टर ने इसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जिले में बड़े पैमाने पर मुर्गीपालन को बढ़ावा देना है।
    लाइवलीहुड कालेज के विद्यार्थियों से मिले, लड़कों ने कहा- हमारे सीनियर गल्फ तक जा रहे हैं हमें भी वहां जाना है- लाइवलीहुड कालेज के विद्यार्थियों से भी कलेक्टर मिले। प्रबंधकों ने बताया कि यहां शत-प्रतिशत प्लेसमेंट है। यहां एसी और रेफ्रिजरेशन रिपेयर की ट्रेनिंग दी जाती है। आरंभिक प्लेसमेंट पंद्रह हजार से 20 हजार रुपए तक होता है। इसके बाद अनुभव होने पर तनख्वाह भी बढ़ जाती है खुद के उद्यम में भी अच्छी संभावना है। कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि यहां से ट्रेनिंग करने के बाद उनके कुछ सीनियरों ने महानगरों में नौकरी की और फिर वहां से गल्फ चले गये। हम लोगों के लिए भी उज्ज्वल भविष्य इंतजार कर रहा है।

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