धमतरी / जनवरी 2022/ जिले में स्थित कृषि दवा दुकानों एवं पेस्टिसाइड्स मंे अनियमितता की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने जिले के सभी विकासखण्डांे में सघन जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी अनुविभागीय अधिकारियों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके परिपालन में संयुक्त टीम के द्वारा कृषि दवा केन्द्रों मंे आकस्मिक रूप से दबिश दी गई। इस दौरान कुल प्रतिष्ठानों में औचक निरीक्षण किया गया, जहां भारी अनियमितता पाए जाने पर उनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसके तहत आज धमतरी विकासखण्ड के तीन कृषि केन्द्र, कुरूद एवं मगरलोड के दो-दो तथा नगरी विकासखण्ड के 04 कृषि केन्द्रों में दबिश देकर टीम द्वारा उर्वरक गुणवत्ता आदेश 1985 एवं कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत संबंधित विक्रताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देशानुसार कृषि दवा केन्द्रों में पेस्टिसाइड दुकानों में राजस्व एवं कृषि अमले के द्वारा संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण कर खाद एवं पेस्टिसाइड दुकानों पर कार्रवाई की गई। आज धमतरी शहर एवं इससे लगे ग्राम कोलियारी में स्थित दुकानों में छापामार कार्रवाई कर आवश्यक कार्रवाई संयुक्त अमले के द्वारा की गई। इस दौरान मेसर्स राजेश ट्रेडर्स, धमतरी कृषि केन्द्र एवं कुणाल कृषि केन्द्र में दबिश देकर विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं पाए जाने पर कार्रवाई की गई। इस संबंध में एसडीएम धमतरी श्री विभोर अग्रवाल ने बताया कि इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दबिश के दौरान रेट लिस्ट का नहीं होना, अमानक पदार्थों का भण्डारण, स्टॉक पंजी अपूर्ण होना, एवं बढ़ी हुई दर पर सामान विक्रय करने के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दुकानदारों को 3 दिवस के लिए बिक्री प्रतिबंधित की गई, साथ ही उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया। इस संबंध में बताया गया कि मेसर्स राजेश ट्रेडर्स में पोटाश खाद का विक्रय निर्धारित दर एक हजार रूपए के स्थान पर 1100 से 1500 रूपए तक बेचा जा रहा था, जिसकी तस्दीक टीम द्वारा कर संबंधित प्रतिष्ठान के संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई। इसी तरह धमतरी कृषि केन्द्र में दर सूची का प्रदर्शन नहीं किया गया था, वहीं डीएपी खाद को 1200 रूपए के स्थान पर 1800 सौ रूपए में बेचा जा रहा था, साथ ही उक्त उर्वरक के साथ झाइम नामक दवा को कृषक को लेने की अनिवार्यता बताया गया। इसके अलावा दुकान में लायसेंस चस्पा करना नहीं पाया गया तथा स्टॉक रजिस्टर में 10 जनवरी के बाद के संधारण उल्लेख नहीं करना पाया गया। इसी तरह समीपस्थ ग्राम कोलियारी में स्थित मेसर्स कुणाल ट्रेडर्स में भी डीएपी खाद निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर विक्रय किया जाना तथा कीटनाषक औषधि का डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित नहीं किया गया था, साथ ही यहां पर भी भण्डारण पंजी का संधारण नहीं किया गया था। इस प्रकार कृषि केन्द्रों में व्यापक अनियमितता पाए जाने पर प्रतिष्ठान के संचालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की गई। उक्त कार्रवाई के दौरान संयुक्त दल में डिप्टी कलेक्टर सुश्री अर्पिता पाठक, नायब तहसीलदार सुश्री आकांक्षा साहू, कृषि विभाग से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री देशराज यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इसी तरह कुरूद विकासखण्ड में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद श्री डी.सी बंजारे के निर्देश पर मेसर्स कृष्णा फर्टिलाइजर्स मंे उर्वरक 20ः20ःः0ः13 को निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बेचे जा रहा था। उप संचालक कृषि ने बताया कि उक्त उर्वरक को किसान को 1350 रूपए में कच्ची रसीद देकर बेचा जा रहा था, जबकि पक्की रसीद में इसका मूल्य 1200 रूपए दर्शाया गया था। इस प्रकार टीम ने उर्वरक की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके अलावा भौतिक रूप एवं पॉस मशीन के स्टॉक में अंतर तथा बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के कीटनाशक दवा का अवैध रूप से विक्रय किया जाना पाया गया। इसके अलावा अन्य अनियमितताओं व कमी पाए जाने पर उक्त दुकान पर 21 दिनों के लिए विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया। इसी तरह आकस्मिक निरीक्षण के दौरान मेसर्स मधु ट्रेडर्स मंे अवैध रूप से 1100 पेटी फर्टेरा नामक कीटनाशक का भण्डारण करना पाया गया, जिसका पंचनामा कर जब्ती की कार्रवाई टीम द्वारा की गई। उक्त दल में उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू, एसडीओ कृषि श्री राकेश जोशी, उर्वरक निरीक्षक श्री वाय एस तोमर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री डहरे तथा कीटनाशक निरीक्षक श्री सुनील देवांगन शामिल थे।
इसके अलावा मगरलोड विकासखण्ड में मेसर्स रामेश्वर कृषि केन्द्र बोड़रा, मेसर्स संतोष कृषि केन्द्र कुण्डेल तथा नगरी विकासखण्ड के ग्राम सांकरा में मेसर्स सीएसएस कृषि केन्द्र, मेसर्स उत्तम कृषि केन्द्र तथा संतोषनाथ गोस्वामी ट्रेडर्स, आदिम जाति सहकारी समिति में मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं किया जाना, प्रिंसिपल सर्टिफिकेट एवं ओ फार्म की उपलब्धता नहीं होना, स्टॉक रजिस्टर का नियमित संधारण नही किया जाना जैसी अनियमितता एवं विभिन्न प्रकार की कमी पाए जाने पर टीम द्वारा उर्वरक गुणवत्ता आदेश 1985 एवं कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत संबंधित विक्रताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नगरी विकासखण्ड में की गई कार्रवाई में एसडीएम नगरी श्री चंद्रकांत कौशिक कीटनाशक एवं उर्वरक निरीक्षक श्री मनोज सागर तथा मगरलोड विकासखण्ड की टीम में उर्वरक निरीक्षक श्री प्रहलाद नागवंशी सहित विभाग के मैदानी अधिकारी शामिल थे।
